सौंसर-विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर ग्रामीण आदिवासी समाज विकास संस्थान ने कार्यालय और आसपास के घरों की छतों पर पात्र रखकर पक्षियों के दाना-पानी की व्यवस्था की।
इस अवसर पर विजय धवले ,पंकज शर्मा ,किरण रंगारे, विजय वनकर, अक्षय धूंडे एवं संस्था कर्मचारी उपस्थित थे। संस्था के विजय धवले ने कहा कि गौरैया चिड़िया की विलुप्त होती प्रजाति को बचाने के लिए हम सबको प्रयास करना चाहिए।
गर्मी के दिनों में सभी को अपने घरों की छतों पर गौरैया के लिए मिट्टी पात्र रखकर दाना पानी रखना चाहिए। गौरैया का पर्यावरण संतुलन में अहम रोल है। गौरैया ज्यादातर झाड़ीनुमा पेड़ो में रहती है, इसलिए हम सभी को ऐसे पेड़ अपने घरों में लगाने चाहिए और गौरैया तथा अन्य पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करनी चाहिए।
इस तरह इनकी संख्या में अवश्य ही वृद्धि होगी। गौरैया फसलों के लिए बेहद खतरनाक माने जाने वाले अल्फा और कटवर्म नाम के कीड़े अपने बच्चों को खिलाती हैं। गौरैया का संरक्षण करना अतिआवश्यक हैं।