Published On : Mon, May 4th, 2020

गोंदियाः न तुम जीते, न हम हारे.. सांकेतिक धरना खत्म, थोक सब्डी मंडी शुरू

गोंदिया: पुलिस और एमपीएमसी प्रशासन की ओर से लगातार हो रही फाइन कार्रवाई से त्रस्त होकर थोक सब्जी व फल विक्रेता संघ ने रविवार ३ मई सुबह से सांकेतिक धरना आंदोलन शुरू किया और व्यापारियों ने माल बेचने में असमर्थता दिखायी जिसकी वजह से समूचे शहर को होने वाली सब्जी व फू्रट की सप्लाय ठप्प पड़ गई। उल्लेखनीय है कि, इस सब्जी मंडी में लॉकडाउन परिधि के दौरान प्रतिदिन ८० से १०० ट्रक माल आता है लेकिन शनिवार रात को ही व्यापारियों ने असहयोग आंदोलन का ऐलान कर दिया था जिसके चलते किसी भी थोक कारोबारी ने कोई माल नहीं बुलाया और रविवार सुबह एक ट्रक माल भी कृषि मंडी में नहीं पहुंचा इससे जहां व्यापारियों को लाखों का नुकसान हुआ है वहीं एपीएमसी मंडी को २५ से ३० हजार रूपये सेस टैक्स (मंडी कर) की आर्थिक क्षति झेलनी पड़ी।

व्यापारियों से अपराधियों जैसा सलूक क्यों?

Gold Rate
Wednesday 05 Feb. 2025
Gold 24 KT 84,400 /-
Gold 22 KT 78,500 /-
Silver / Kg 96,200 /-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

दरअसल लॉकडाउन की वजह से मरघट रोड स्थित थोक सब्जी मंडी में सोशल डिस्टेसिंग को लेकर पुलिस काफी सख्त है।
नियमों का उल्लंघन होते देख पुलिस को १-२ बार डंडे चलाने पड़े तथा कुछ व्यापारियों से पुलिस ने इस बात को लेकर फाइन भी वसूला कि, वे थोक की मंडी में १ किलो अदरक, १ किलो लहसन, ५ किलो आलू बेचते पाए गए, २ मई के सुबह इसी तरह के एक मामले में अशोक उजवने नामक कारोबारी को पुलिस थाने ले गई और उसपर मामला दर्ज किया।

बुजुर्ग व्यापारी पर पुलिस कार्रवाई की खबर लगते ही थोक मंडी के व्यापारी और आड़तियों में इस बात को लेकर आक्रोश व्याप्त हो गया कि, वह शराब बेचते नहीं पकड़ाया, सब्जी बेचते पकड़ाया तो फिर अपराधियों जैसा सलूक क्यों?

पुलिस स्पॉट पर फाइन वसूलती, थाने ले जाकर बेइज्जत करने की क्या जरूरत थी? यहां तक की बुजुर्ग व्यापारी को थाने में अपने सगे-संबंधियों को बुलाकर अपनी जमानत करवानी पड़ी और पुलिस ने उसे दोपहर के बाद छोड़ा।

पुलिस की कार्रवाई से फुटा गुस्सा
थोक सब्जी-फल विक्रेता संघ के अध्यक्ष राकेश ठाकुर तथा सचिव अरूण शुक्ला की अगुवाई में २ मई को एक आवश्यक मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें उपस्थित कारोबारी और आड़तियां संघ ने कहा- वे जान जोखिम में डालकर गत ३५ दिनों से व्यापार कर रहे है और पुलिस अपराधियों जैसा सलूक कर रही है एैसे में व्यापार बंद करने के अलावा ओर कोई रास्ता नहीं बचता, इस बात का निर्णय सर्वसम्मति से लेते हुए कृषि उत्पन्न बाजार समिति के सभापति और सचिव को लिखित पत्र देकर ३ मई से मंडी में खरीदी-बिक्री बंद करने की सूचना दी गई और प्रेषित पत्र की प्रतिलिपी जिलाधिकारी, एसडीओ, डीडीआर, गोंदिया विधायक और पुलिस प्रशासन को भी भेजी गई।

प्राप्त २ पत्रों का जवाब देते हुए एपीएमसी के प्रभारी सचिव ने लिखित पत्र जारी करते कहा- महाराष्ट्र कृषि उत्पन्न खरीदी-बिक्री (विकास व विनियमन) अधिनियम १९६३ की कलम ९४ क (२) के तहत अनुसार जो कारोबारी, व्यापार बंद करना चाहता है उन्हें मार्केट यार्ड परिसर से अपना कृषि माल व अन्य साहित्य हटाकर किराए पर ली गई दुकानों को खाली करना अनिवार्य है तथा एपीएमसी प्रशासन अन्य व्यापारियों को माल बेचने की अनुमती दे देगा और उनके साथ किसी तरह की बदसलूकी नहीं होनी चाहिए?

यदि बंद के समय आड़तिया /व्यापारियों का कृषि माल या अन्य साहित्य समिति के यार्ड परिसर में पाया गया तो समिति उसे अपने कब्जे में ले लेगी, इस तरह का लिखित जवाब एपीएमसी की ओर से व्यापारियों को दिया गया।

बैठक में सुलझा मामला
मामले को तूल पकड़ता देख डीडीआर को हस्तक्षेप करना पड़ा और ३ मई को एपीएमसी थोक मंडी में आपसी समन्वय बैठक का आयोजन किया गया जिसमें एपीएमसी प्रशासन, पुलिस और थोक सब्जी व फल विक्रेता संघ के प्र्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सुलह-सफाई के बाद एपीएमसी की ओर से निर्णय लेते हुए ३ खाली पड़े यार्ड व्यापारियों को माल रखने और सब्जी-फ्रुट की बिक्री करने हेतु सौंप दिए गए है।

अब सोशल डिस्टेसिंग का मसला काफी हद तक सुलझ जाएगा लिहाजा रोज की तरह सोमवार ४ मई से मंडी में सब्जी व फू्रट की आवक शुरू होगी और उपभोक्ताओं को नियमित रूप से वाजिब दामों पर सब्जी मिलने लगेगी इस बात की जानकारी थोक सब्जी व फल विक्रेता संघ के अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने दी।

रवि आर्य

Advertisement