नागपूर– लॉक डाउन के आज से शुरू हुए तीसरे चरण में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा शराब की दुकानों को खोले जाने को वर्तमान गंभीर परिस्थितियों में बेहद निंदनीय बताते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा की इससे जहाँ लॉकडाउन का मूल उद्देश्य ही ध्वस्त हो जाएगा वहीँ दूसरी ओर दिल्ली सहित देश के व्यापारियों के साथ बेहद अन्याय होगा . जिन्हे कोरोना को फैलने के डर से देश भर में बंद करने का आदेश दे दिया गया है. जिसका व्यापारी अक्षरश : पालन कर रहे हैं .
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने विभिन्न राज्य सरकारों के शराब की दुकानों को खोले जाने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा की सरकारों का यह निर्णय उनके मानसिक दिवालियेपन और राजस्व प्राप्त करने के स्वार्थ का जीता जागता सबूत है और इस निर्णय से सरकारों ने नागरिकों के स्वास्थ के साथ खिलवाड़ किया है. जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए उतनी कम है.
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा की देश आज कोरोना के बेहद नाजुक दौर से गुजर रहा है जहाँ प्रतिदिन लगभग 2000 से अधिक लोग कोरोना से प्रभावित हो रहे हैं वहां ऐसे में शराब की दुकानों को खोला जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. दोनों व्यापारी नेताओं ने सरकारों से प्रश्न किया है की ‘ क्या देश में कोरोना का भय कम हो गया है जिसके कारण इन दुकानों को खोला गया है और अगर ऐसा है तो व्यापारियों की दुकाने खोले जाने का आदेश क्यों नहीं दिया गया. उन्होंने कहा की शराब के प्रत्येक बोतल पर स्पष्ट लिखा रहता है की शराब पीना स्वास्थ के लिए हानिकारक है फिर भी इस नाजुक दौर में केवल राजस्व प्राप्त करने के लिए इन दुकानों को खोला गया है. जिससे यह साफ़ स्पष्ट होता है की सरकारों को लोगों के स्वास्थ की बजाय अपने राजस्व की अधिक चिंता है.
भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा की आज अनेक स्थानों पर शराब की दुकाने खुलीं किन्तु अनेक शराब की दुकानों पर सामाजिक दूरी बुरी तरह ध्वस्त हो गई. जिसके कारण बड़ी संख्यां में और अधिक लोगो के संक्रमण की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. भरतिया एवं खंडेलवाल ने देश की सभी राज्य सरकारों से मांग की है की या तो शराब की दुकानों को भी बंद किया जाए या फिर व्यापारियों को भी अपनी दुकानें खोलने की अनुमति दी जाए.