नागपुर: नागपुर महानगरपालिका आयुक्त तुकाराम मुंढे द्वारा नागपुर में शराब बिक्री और निजी कार्यालय खुलने पर बंदी डालने के फैसले को चुनौती देती याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर कोर्ट ने प्रतिवादी मनपा, जिलाधिकारी, राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 8 मई तक जवाब मांगा है।
3 मई से शुरू हुए अतिरिक्त लॉकडाउन को लेकर नागपुर महानगरपालिका आयुक्त तुकाराम मुंढे के फैसलों को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी गई है। एड. प्रकाश जयस्वाल, एड.किशोर लांबट, एड.कमल सतुजा, एड.मनोज साबले और एड.श्रीरंग भंडारकर ने कोर्ट में यह संयुक्त याचिका दायर की है।
सुनवाई में उनके अधिवक्ता श्याम देवानी ने आयुक्त के फैसले को अवैध और नियमों के विरुद्ध बताया। दलील दी कि केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों की सलाह के बाद गाइडलाइन जारी की, लेकिन नागपुर मनपा आयुक्त इसमें बगैर किसी अधिकार के परिवर्तन कर रहे हैं, जो कि गलत है। हाईकोर्ट ने इसे रिकॉर्ड पर लेकर मनपा और अन्य प्रतिवादियों को 8 मई तक उत्तर प्रस्तुत करने को कहा है। अपनी याचिका में वकीलों ने मनपा आयुक्त मुंढे के फैसले को केंद्र और राज्य के दिशा-निर्देशों का विरोधाभासी बताया है। 1 मई को राष्ट्रीय आपदा नियंत्रण प्राधिकरण (एनडीएमए) ने गाइडलाइन जारी की।
इसमें जिले को ग्रीन, ऑरेंज या रेड जोन में विभाजित करने के दिशा-निर्देश थे। इन्हीं निर्देशों के तहत शराब बिक्री के नियमों का उल्लेख था। केंद्र और राज्य दोनों के निर्देश थे कि इन निर्देशों में कोई भी हस्तक्षेप नहीं कर सकता। इसके उलट मनपा आयुक्त ने 3 मई को अपना अलग नोटिफिकेशन जारी किया। इसमें उन्होंने एनडीएमए के निर्देशों में परिवर्तन किया।