नागपूर- देश में लॉकडाउन चल रहा है. उद्योग और संस्थान बंद होने की वजह से रोजगार भी बंद किए जा रहे है. कई कर्मचारी और मजूदरो को काम से निकाला गया है. हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने एक महीना पहले ही संदेश दिया था की किसी को भी काम से न निकाला जाए, बावजूद इसके कई जगहों से कर्मचारियों को कम करने की जानकारियां सामने आ रही है. ऐसी ही एक जानकारी सामने आयी है. जिसमें नागपूर के दो बड़े और प्रतिष्ठित अखबारों में काम करनेवाले 7 पत्रकारों को काम से निकाला गया है. इसमे देश का एक अंग्रेजी प्रतिष्ठित अखबार शामिल तो वही दूसरा ऐसा ही एक बड़ा मराठी समाचार पत्र है. अंग्रेजी अखबार से 5 और मराठी अखबार से 2 पत्रकारों को काम से निकाला गया है. जब लॉकडाउन में लोगों को काम और पैसो की सबसे ज्यादा जरुरत है, उसी समय इन पत्रकारों को काम से निकालना कहाँ का न्याय है. मिली जानकारी के अनुसार इनमे से कोई भी पत्रकार ऐसा नहीं है , जो सीनियर न हो. इसमें से हरएक रिपोर्टर को करीब करीब 20 वर्ष से ज्यादा का समय हो गया है. ऐसे ज्यादतर मामलो में निकालने का कारण यही दिया जा रहा है की लॉकडाउन के कारण घाटा हुआ है.
खासबात यह है की इन सभी 8 रिपोर्टरो में सभी मराठी भाषिक है. जहां एक ओर राज्य के मुख्यमंत्री कहते है की राज्य में 80 प्रतिशत रोजगार मराठी लोगों को मिलने चाहिए, तो वही दूसरी तरफ बड़े संस्थानों में से मराठी भाषी पत्रकारों को ही निकालना शुरू कर दिया है. जिसके कारण अब मराठी भाषियों पर भी रोजगार का संकट आ गया है.