नागपुर – अजनी इलाके के कुख्यात गुंडों की टोली ने अपने प्रतिद्वंदी गुंडे को किडनैप कर हुडकेश्वर के जंगल में उसकी निर्ममता से हत्या कर दी. आरोपियों ने शनिवार की दोपहर ही युवक को टू व्हीलर गाड़ी पर किडनैप कर लिया था.
इसके बाद से ही युवक की हत्या का संदेह जताया जा रहा था. आखिरकार 30 घंटे बाद रविवार की रात क्राइम ब्रांच युनिट चार और हुडकेश्वर पुलिस कि टीम को सुनसान जगह में उसका शव मिला.
मृतक का नाम नाईकनगर निवासी सनी दामोदर जांगीड़ है. जबकि आरोपियों में अजनी की कुख्यात रामटेके गैंग के प्रशील जाधव,ललित रेवतकर,समेत अन्य दो का समावेश था. आरोपियों का पता लगाने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम लगी हुई थी. इसमें से एक आरोपी को हुडकेश्वर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. 3 आरोपियों ने अजनी पुलिस स्टेशन में जाकर आत्मसमर्पण किया है.
क्या अजनी पुलिस की ढिलाई बरतने से हत्या हुई ?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले मृतक सनी दामोदर जांगीड़ ने मुख्य आरोपी मोनु जाधव के भाई सुदर्शन जाधव पर 20 मई को हमला किया था और उसके सिर और हाथों पर चाकू से कई गंभीर वार किए थे. इस हमले में 5 से 6 आरोपी शामिल थे, लेकिन अजनी पुलिस ने अपराध आईपीसी धारा 307 के तहत मामला दर्ज ना करते हुए आईपीसी धारा 326 के तहत मामला दर्ज किया , इसके बाद कुल्हाड़ी से मृतक ने फरवरी 2020 पर आरोपी नंबर 2 ललित रेवतकर पर हमला किया था. इसलिए आरोपी नंबर 1 और 2 ने उसे मारने का फैसला किया और अपने 2 साथीदारो के साथ अपहरण की योजना बनाई.
दोनों अपराध अजनी पुलिस स्टेशन में रजिस्टर्ड हैं. इसके बाद अन्य मुख्य आरोपियों को अजनी पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया और उन पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई नहीं की और ढिलाई बर्ती. पुलिस की ओर से प्रतिबंधक कार्रवाई नहीं करने से और सही तरीके से जांच नहीं करने की वजह से ही इस तरह से मृतक की हत्या हुई है.
अगर पुलिस सही तरीके से पिछले मामलों में कार्रवाई करती तो यह हत्या शायद नहीं होती. इस पुरे मामले की अगर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सही तरीके से जाँच करें तो अजनी पुलिस के कुछ पुलिस कर्मचारी तथा अधिकारी पर गाज भी गिर सकती है .