नागपुर– नागपुर शहर के मेडीकल हॉस्पिटल में इलाज करवाने के लिए रोजाना सैकड़ो मरीज आते है. नागपुर, विदर्भ के साथ साथ छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के मरीज भी यहां सैकड़ो की तादाद में आते है. इन मरीजों के साथ इनके परिजन भी होते है. जब मरीज हॉस्पिटल में भर्ती होता है, तो उसके परिजनों को काफी समस्याओ का सामना करना पड़ता है. सबसे बड़ी समस्या उसके सामने खाने की होती है, गरीब तबके से यह लोग होते है, जिसके कारण बाहर का महंगा खाना यह नहीं ले सकते. इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए, भाजपा की ओर से मेडीकल हॉस्पिटल के प्रांगण में केवल 10 रुपए में ‘ दीनदयाल थाली ‘ की व्यवस्था की गई थी. आज इसका लाभ रोजाना सैकड़ो लोग उठाते है. जिन लोगों के मरीज मेडीकल हॉस्पिटल में भर्ती होते है, उन्हें अब खाने की परेशानी नहीं होती और इतने सस्ते में इतने अच्छे खाने की उम्मीद भी वे नहीं कर सकते.
‘ दीनदयाल थाली ‘ शुरुवात 16 दिसंबर 2017 को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, युवा झेप प्रतिष्ठान के अध्यक्ष और शहर के महापौर संदीप जोशी समेत अन्य भाजपा नेताओ की ओर से गरीब नागरिकों की सेवा के लिए शुरू की गई थी. दानदाताओ की ओर अनाज और जरुरत की चीजें यहां दी जाती है, जिसके माध्यम से इन गरीब मरीजों के परिजनों को यहां अच्छा भोजन मुहैय्या कराया जाता है.
यहां कोरोना से पहले रोजाना 1500 से 2000 लोग खाना खाते थे. लेकिन अब कोरोना संक्रमण के कारण हॉस्पिटल में आनेवालों की संख्या कम होने की वजह से रोजाना 500 के करीब लोग यहां भोजन करने आते है. मरीजों के परिजनों के साथ साथ अन्य गरीब लोग भी यहां आकर खाना खाते है. नागपुर शहर के लिए और मेडीकल हॉस्पिटल के भर्ती गरीबों के लिए ‘ दीनदयाल थाली ‘ काफी सराहनीय पहल है. इन 3 सालों में संस्था की ओर से अब तक लाखों लोगों को खाना मुहैय्या कराया गया है.
अपने मरीज को मध्यप्रदेश से मेडीकल हॉस्पिटल में लेकर आए उनके रिश्तेदार यहां रोजाना खाना खा रहे है. इनका नाम गणपति बोरीवाल है. इनका कहना है की हम लोग गरीब है. यहां खाना 10 रुपए में दिया जाता है. जिसके कारण उनकी भूक कम पैसे में मिटती है. उनका कहना है कि 10 रुपए में इतने अच्छे खाने की उम्मीद भी नहीं की जा सकती. उन्होंने ‘ दीनदयाल थाली ‘ शुरू करनेवाले लोगों का धन्यवाद किया है.
तो वही दूसरे मरीज के साथ आए हेमराज का कहना है की वे भी मध्यप्रदेश से ही यहां आए है. आज ही वे इस हॉस्पिटल में आए है. मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती कराकर वे यहां खाना खाने आए थे. उन्होंने बताया की उन्हें अच्छा लग रहा है की कम पैसे में उनको अच्छा खाना अब मिल जाएगा. उन्होंने खाने के लिए इसको शुरु करनेवालों की प्रशंसा भी की है.
इस ‘ दीनदयाल थाली ‘ के मैनेजर कुणाल मुलमुले ने ‘ नागपुर टुडे ‘ को जानकारी देते हुए बताया की रोजाना यहां लोग सैकड़ो की तादाद में खाना खाने आते है और हमें धन्यवाद देते है. उन्होंने बताया की कुल मिलाकर यहां 13 कर्मी काम करते है. कोरोना को लेकर साफ़- सफाई, सेनिटाईज का पूरा पूरा ध्यान रखा जा रहा है. अंदर खाना खाने के लिए आनेवाले हरएक व्यक्ति का बॉडी टेम्परेचर गिना जाता है, अगर उसे बुखार है, तो उसे अंदर नहीं आने दिया जाता है. इसके साथ ही दूसरे लोगों को अंदर आने से पहले सेनिटाईज भी किया जाता है. उनका कहना है की पार्सल अगर किसी को चाहिए, तो उसे 15 रुपए देने होते है और इसके लिए उन्हें अपना टिफिन लाना होता है. पॉलीथिन में खाना नहीं दिया जाता.