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सभी को सशक्त करने के लिए निरंतर काम करेंगे
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश में एक राशनकार्ड पर काम किया जाएगा. आज अगर सरकार सबको राशन दे रही है तो उसका क्रेडिट अन्नदाता किसान औऱ दूसरा ईमानदार टैक्सपेयर को जाता है. आपने देश का अन्न भंडार भरा है इसलिए आज गरीब का चूल्हा जल रहा है. आपने ईमानदारी से टैक्स भरा है, अपना दायित्व निभाया है इसलिए आज देश का गरीब संकट से मुकाबला कर पा रहा है. मैं हर किसान और करदाता को धन्यवाद देता हूं. आने वाले समय में हम अपने प्रयासों को और तेज करेंगे. हम सभी को सशक्त करने के लिए निरंतर काम करेंगे.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार छठ पूजा तक
पीएम ने कहा कि त्योहारों का समय खर्च भी बढ़ाता है. फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दिवाली और छठ पूजा तक, यानी नवंबर के आखिरी तक कर दिया जाएगा. वर्षा ऋतु के बाद कृषि क्षेत्र में ज्यादा काम होता है. जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का भी माहौल बनता है. सावन शुरू हो रहा है. रक्षाबंधन आएगा, कृष्ण जन्माष्मी आएगी. प्रत्येक परिवार को हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल और एक किलो चना दिया जाएगा. इसमें 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे. पिछले महीने का खर्च भी जोड़ दें तो करीब 1.5 लाख करोड़ हो जाता है.
’80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन’
पीएम ने कहा कि कोरोना से लड़ते हुए भारत में 80 करोड़ लोगों को तीन महीने का राशन मुफ्त दिया गया है. इसके अतिरिक्त प्रत्येक परिवार को हर महीने एक किलो दाल भी दी गई. एक तरह देखें तो अमेरिका की कुल जनसंख्या से ढाई गुना अधिक लोगों को, ब्रिटेन की जनसंख्या से 12 गुना अधिक लोगों को, और यूरोपीय यूनियन की आबादी से दोगुने से ज्यादा लोगों को सरकार ने मुफ्त अनाज दिया.
किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपये जमा हुए
पीएम मोदी ने कहा कि देश हो या व्यक्ति समय पर और संवेदनशीलता से फैसला लेने पर संकट का मुकाबला करने की शक्ति अनेक गुना बढ़ जाती है. इसलिए लॉकडाउन होते ही सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लेकर आई. इस योजना के तहत गरीबों के लिए पौने दो लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया. बीते तीन महीनों में जनधन खातों में 31 हजार करोड़ रुपये जमा करवाए गए. 9 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपये जमा हुए हैं.
नियमों का पालन नहीं करने वालों को समझाना होगा
पीएम मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान गंभीरता से नियमों का पालन किया गया था. अब देश के नागरिकों को फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है. जो लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं उन्हें रोकना होगा और समझाना होगा. आपने खबरों में देखा होगा कि एक देश के प्रधानमंत्री पर 13 हजार का जुर्मान लग गया क्योंकि वे सार्वजनिक स्थान पर बिना मास्क पहने गए थे. भारत में भी स्थानीय प्रशासन को इसी चुस्ती से काम करना चाहिए.