नागरिक जनकल्याण समस्या निवारण समिति का (MSEDCL) पर आरोप
नागपुर– महाराष्ट्र राज्य विघुत वितरण कंपनी (MSEDCL ) ने पिछली प्राइवेट कंपनी एसएनडीएल ( SNDL ) द्वारा डुप्लीकेट (DUPLICATE ) और फॉल्टी ( FAULTY ) बिजली मीटर नागपुर शहर के नागरिकों के घरो में लगाए और करोडो रुपए की लूट की. आज उसी मीटर के आधार पर नागरिकों को हजारों रुपए के बिजली ( ELECTRICITY BILL ) के बिल आ रहे है. यह आरोप है नागपुर जागृति जनकल्याण बहुउद्देशीय संस्था अंतर्गत नागरिक जनकल्याण समस्या निवारण समिति के अध्यक्ष प्रभाकर नवखरे का. वे कई वर्षो से शहर में नागरिकों के घरों में लगाएं गए बिजली के मीटर ( ( ELECTRICITY METER ) को लेकर पिछली और अबकी बिजली कंपनियों से क़ानूनी लड़ाई लड़ रहे है. नवखरे का कहना है की आज भी महाराष्ट्र राज्य विघुत वितरण कंपनी ( MSEDCL ) कंपनी के पास शहर में लगे हुए फॉल्टी ( FAULTY ) मीटर की जानकारी उपलब्ध नहीं है. फिर भी इसी फॉल्टी ( FAULTY) और (DUPLICATE) मीटर के आधार पर नागरिकों से हजारों रुपए की बिजली बिल की वसूली की जा रही है.
नवखरे का कहना है की महाराष्ट्र राज्य विघुत वितरण कंपनी ( MSEDCL ) कई प्रकार के टैक्स ( TAX ) व् इंफ्रास्ट्रक्चर ( INFRASTRUCTURE ) चार्ज किस आधार पर वसूल कर रही है, उन्होंने कंपनी से सवाल किया है की आखिर 3 महीने का वहन आकार और स्थिर आकार क्यों वसूला जा रहा है ?
नवखरे का कहना है की पिछली कम्पनी एसएनडीएल ( SNDL) ने चायनीज हांगकांग कंपनी का कैलिब्रेशन सर्टिफिकेट महावितरण द्वारा उन्हें कैसे दिया था. उन्होंने कहा की एसएनडीएल ( SNDL) कंपनी के पूर्व एक अधिकारी ने जानकारी दी थी की हांगकांग का सर्टिफिकेट फ्रॉड नहीं है. उस अधिकारी ने यह भी बताया था की आदेश के बाद ही यह सर्टिफिकेट ग्राहक को दिया गया था. इससे यह साबित होता है की बिजली के मीटर ( ELECTRICITY METER ) चाइना हांगकांग द्वारा निर्मित कर मेड इन इंडिया ( MADE IN INDIA ) की नेमप्लेट लगाकर गैरकानूनी रूप से ग्राहकों के घरों में लगाए गए थे. उन्होंने कहा की इसी मीटर के आधार पर नागपुर शहर के ग्राहकों की लूट जारी है.
नवघरे ने ‘ नागपुर टुडे ‘ को बताया की एसएनडीएल ( SNDL) द्वारा लगाए गए डुप्लीकेट ( DUPLICATE ) और फॉल्टी ( FAULTY ) मीटर लगाते समय मीटर के पैसे लिए गए थे.. आज इसी डुप्लीकेट ( DUPLICATE ) मीटर के टेस्टिंग के नाम पर फिर से पैसे लुटे जा रहे है. जबकि मीटर लगाते समय ही मीटर संबंधी महत्वपूर्ण कागजात ( DOCUMENTS ) ग्राहक को दिए गए होते तो दोबारा टेस्टिंग करने की नौबत नहीं आती. लेकिन कंपनी ने ऐसा नहीं किया और आज भी ग्राहकों की आर्थिक लूट जारी है. नवघरे का कहना है की नए मीटर की टेस्टिंग के लिए महावितरण को दो बार पैसे दिए जाने के बाद भी अब तक उनके घर के मीटर की टेस्टिंग नहीं की गई है.
उन्होंने कहा की महाराष्ट्र राज्य विघुत वितरण कंपनी ( MSEDCL ) इस कोरोना संक्रमण में ग्राहकों की किसी भी तरह की मदद नहीं कर रही है और हफ्ते से इन्सटॉलमेंट के रूप में बिजली का बिल भरने के नाम पर शहर की जनता को गुमराह कर रही है.
उन्होंने कहा की महावितरण उच्च न्यायलय के आदेशों का उल्लंघन करते हुए अपने स्वार्थ के लिए लाइन वायर में पीवीसी पाइप डालकर ग्राहकों की जीवित हानि तथा आर्थिक हानि कर रही है. उन्होंने कहा की इस बारे में समिति के पास फोटोग्राफ भी है.
उन्होंने कहा की महावितरण के आशीर्वाद के कारण ठेकेदारों ने शहर में भूमिगत हाइटेंशन केबल के रूप में बारूदी सुंरगे बिछाई है, इससे नागपुर शहर के नागरिकों के जानमाल के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. जो केबल 3-4 फीट अंदर होना चाहिए, उसको महावितरण के ठेकेदार केवल डेढ़ से दो फीट अंदर ही रेती और हाफ राउड के बगैर ही केबल बिछा रहे है.
उन्होंने कहा की महाराष्ट्र राज्य विघुत वितरण कंपनी ( MSEDCL ) चलाये जा रहे इस गैरकानूनी कार्यो पर चर्चा के लिए राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, ऊर्जामंत्री नितिन राऊत से समय मांगा गया था, लेकिन इनकी ओर से आज तक समय नहीं दिया गया. समय नहीं देना इस बात का सबूत है की जनता की किसी को भी नहीं पड़ी है, सभी को अपने लाभ से मतलब है.