Published On : Mon, Jul 6th, 2020

गोंदिया जिला परिषद के कैफो फाइनेंस दफ्तर में ACB का छापा , घूस लेते बाबू पकड़ाया

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सेवानिवृत्ति वेतन का चेक देने के एवज में 5000 की रिश्वत लेते धरा गया

गोंदिया: जिस राष्ट्र या समाज में भ्रष्टाचार का दीमक लग जाता है उस राष्ट्र का भविष्य अंधकार से घिर जाता है। वर्तमान समय में भ्रष्टाचार गोंदिया जिले के सरकारी दफ्तरों में पूरी तरह से फैल चुका है बिना घूस या चढ़ावे के काम पुरे नहीं होते। दूसरों को कष्ट पहुंचाकर निज स्वार्थ पूर्ति के खातिर अपना कर्तव्य भूलकर फाइलों को अटकाने , लटकाने और भटकाने का प्रयास अनुचित रूप से लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से किया जाता है । इसके दुष्परिणाम सामान्य जनमानस को भुगतने पड़ते हैं।

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गोंदिया जिला परिषद के माध्यम से होने वाले सभी कार्य का भुगतान संबंधी मसला या बिल जि.प लेखा वित्त विभाग ( कैफो फाइनेंस ) में पहुंचता है और फाइल ओके होने के बाद ही पैसा निकलता है।

सेवानिवृत्त ग्रामसेवक की सेवा निवृत्ति वेतन का पैसा (चेक) निकाल कर देने हेतु वरिष्ठ सहायक ( लेखा ) ने 5000 रिश्वत की डिमांड कर दी जिसे आज एसीबी टीम ने जिला परिषद वित्त (लेखा) विभाग दफ्तर में रंगे हाथों धर दबोचा ।

वाक्या कुछ यूं है कि…
शिकायतकर्ता सेवानिवृत्त ग्रामसेवक ने अप्रैल 2020 में जिला परिषद गोंदिया के वित्त विभाग के वरिष्ठ सहायक (लिपीक) आकाश गवई से मुलाकात करते हुए अपने निवृत्ती वेतन निकालने के संदर्भ में पूछताछ की थी और समय-समय पर निवेदन किया, तब मई 2020 में गैरअर्जदार गवई ने शिकायतकर्ता के एनपी खाते से 5,04,687 रूपये का धनादेश सौंपा। उसके बाद सेवानिवृत्त ग्रामसेवक ने एनपी खाते से शेष राशि बैंक खाते में जमा करने के संदर्भ में गैरअर्जदार गवई से कई बार विनंती की लेकिन उन्होंने बैंक खाते में राशि जमा नहीं की।

शिकायतकर्ता ने पुनः 26 जून 2020 को कार्यालय में प्रत्यक्ष जाकर गवई से भेंट की जिसपर उन्होंने शेष रकम निकालने के लिए आवश्यक कागजपत्रों के साथ 5 हजार रूपये देने की बात कही।

अपनी ही रकम निकलवाने के लिए रिश्‍वत की राशि देना सेवानिवृत्त ग्रामसेवक को मंजूर नहीं था लिहाजा उसने 3 जुलाई को भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग के गोंदिया दफ्तर पहुंच शिकायत दर्ज करायी।

मामले की जांच करते हुए एसीबी टीम ने आज सोमवार 6 जुलाई को जाल बिछाया और जि.प. वित्त विभाग के वरिष्ठ सहायक (लेखा) द्वारा सेवानिवृत्ती रकम निकालने के लिए 5 हजार रूपये की रिश्‍वत मांगने की पुष्टि हो जाने के बाद सफल कार्रवाई को अंजाम दिया और जि.प. के वित्त विभाग में पंच गवाहों के समक्ष वरिष्ठ सहायक गवई को 5 हजार रूपये रिश्‍वत की रकम स्वीकारते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया।

इस संदर्भ में अब घूसखोर के खिलाफ गोंदिया ग्रामीण थाने में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून 1988 के सुधारित अधिनियम 2018 की कलम 7 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।

यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक श्रीमती रश्मी नांदेडकर, अप्पर पुलिस अधीक्षक (एसीबी नागपुर), पुलिस उपअधीक्षक रमाकांत कोकाटे, सहायक उपनिरीक्षक शिवशंकर तुंबडे, पो.ह. राजेश शेंद्र, नापोसि नितिन रहांगडाले, राजेंद्र बिसेन, चालक पो.ह. देवानंद मारबते आदि ने की।

रवि आर्य

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