नागपुर– कोरोना संक्रमण के मामले शहर में बढ़ते ही जा रहे है. शहर के अलग अलग झोन में मनपा की ओर से कोविड़-19 टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध होने की वजह से अब शहर में टेस्टिंग भी बढ़ गई है. लेकिन इन सबके बीच एक समस्या यह है कि जिन लोगों को लक्षण भी है, वो भी टेस्टिंग कराने को लेकर डर रहे है. जिसके कारण कोरोना का प्रभाव बढ़ रहा है. शहर में ऐसे कई मामले भी देखे गए है कि जब पॉजिटिव मरीजों की तकलीफ काफी बढ़ गई, तब जाकर उन्होंने कोविड़-19 की टेस्टिंग की, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी, और इस देर के कारण कई मरीजों की जान भी गई है.
जानकारी के अनुसार नागरिकों को रैपिड एंटीजन टेस्ट जो कि नाक के स्वेब से किया जाता है, इस टेस्ट को लेकर नागरिकों में काफी डर है. क्योंकि जिन्होनें कभी इस टेस्ट को नही किया है, वो भी इस टेस्ट को लेकर डर रहे है. जिसके कारण कुछ नागरिक तो लक्षण नही होने पर भी जांच करा रहे, तो वही कुछ ऐसे भी है जिनको लक्षण होने के बाद भी वो टेस्टिंग कराने से डर रहे है. ऐसे में अब जरूरत लोगों को आगे आकर टेस्टिंग कराने की. जिससे कि इस संक्रमण की चेन को तोड़ा जाए.
इस बारे में न्यू ऐरा हॉस्पिटल के ( संचालक) डॉ. आनंद संचेती ने ‘ नागपुर टुडे ‘ को बताया कि जिन्हें बुखार, खांसी , सर्दी और अन्य तरह के कोरोना के लक्षण है तो वे बिना डरे तुरंत रैपिड एंटीजेन टेस्ट करवा लें. अगर वे पॉजिटिव आते है तो वे दवाईया लेकर घर में भी ठीक हो सकते है.
अगर पॉजिटिव मरीज को रैपिड एंटीजेन के बाद आरटीपीसीआर और सिटी स्कैन की भी जरूरत पड़ी, तो उसमे भी कोरोना का संक्रमण है कि नही पता चलता है. लेकिन प्राथमिक स्तर पर रैपिड एंटीजेन बिना डरे ऐसे नागरिकों को करना चाहिए,जिन्हें लक्षण है. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की तकलीफ नागरिकों को इस टेस्ट में नही होती है. इसलिए बिल्कुल न डरे.