पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच की मांग
नागपुर- कंपनियों में मजदूरों के शोषण और कंपनियों द्वारा लापरवाही से मजदूरों की जान जाने की घटनाएं कुछ दिनों में बढ़ गई है. इसी तरह की कंपनी की लापरवाही की वजह से एक मजूदर की जान चली गई. घटना वाड़ी स्थित प्लास्टो ( Plasto ) कंपनी कि है. जहां पर मशीन में फंसकर एक गरीब मजदूर की जान चली गई. इस घटना के बाद मजदूरों में खलबली मच गई. मृतक का नाम मुन्ना चांदेवार है.
जानकारी के अनुसार प्लास्टो ( Plasto ) कंपनी में चंदन नाम का ठेकेदार इस कंपनी में रोजी के अनुसार मजदूर सप्लाई (Supply ) करता है. मृतक मुन्ना पिछले 3 वर्षों से ठेकेदार चंदन के पास रोजी (Daily Basis ) पर काम करता था. 11 सेप्टेंबर शुक्रवार को हमेशा की तरह मुन्ना आधी रात को मशीन पर काम कर रहा था, लेकिन काम के दबाव में उसका संतुलन बिगड़ा और वह मशीन में गिरा. इससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई. इस घटना के बाद दूसरे कर्मी दौड़कर उसके पास पंहुचे, तो वह मशीन में फंसा हुआ था. इसके बाद मजदूरों ने यह जानकारी कंपनी संचालको (Directors ) को दी और मुन्ना को हॉस्पिटल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
मृतक मुन्ना की घर की आर्थिक स्थिति ठीक नही है, इस वजह से उसके साथी कामगारों ने प्लास्टो (Plasto ) कंपनी के मेन गेट पर ठेकेदार से मृतक मुन्ना के परिजनों को आर्थिक मदद देने की मांग की, लेकिन इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी ,किसी की जान जाने के बाद भी ठेकेदार के भांजे ने कामगारों को नुकसान भरपाई को लेकर टालमटोल जवाब दिया.
जानकारी यह भी सामने आयी है कि प्लास्टो ( Plasto ) में एक मृतक कामगार को आर्थिक मदद करने की मांग करनेवाले कुछ मजदूरों को उनका हिसाब कर उनको काम से निकाल दिया गया है. ठेकेदार और कंपनी के इस रवैये के खिलाफ कामगारों में काफी आक्रोश है. इस घटना के बाद एमआईडीसी पुलिस स्टेशन के निरीक्षक हेमंत खराबे ने घटनास्थल पर जाकर जांच की.
यह पूरा मामला प्लास्टो ‘ Plasto ‘ कंपनी और ठेकेदार द्वारा दबा दिया गया होता, अगर इस दौरान बसपा पार्टी के पदाधिकारी घटनास्थल पर नही पहुंचते . इस घटना की जानकारी मिलते ही बसपा के हिंगना विधानसभा अध्यक्ष शशिकांत मेश्राम ,वीरेंद्र कापसे, विक्की पटले घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद और इस पूरे मामले की जांच करने की मांग की. बसपा सदस्यो ने मांगे नही मानने पर आंदोलन और अंतिम संस्कार नही करने की बात ठेकेदार, पुलिस और प्लास्टो ( Plasto ) प्रबंधन को बताई. इसके बाद मामले की गंभीरता को समझते हुए ठेकेदार ने मृतक मुन्ना की पत्नी को 50 हजार रुपए नकद, 1 लाख रुपए का चेक, बाकी के साढ़े चार लाख अगले डेढ़ महीने में देने और पेंशन शुरू होने तक 10 हजार रुपए मानधन घरपहुँच देने की मांग लिखित में लिखकर दी. इस पूरे मामले की जांच एमआईडीसी पुलिस द्वारा की जा रही है.
इस दर्दनाक घटना के बाद किसी कामगार की मौत हो गई, लेकिन ठेकेदार ने मुहावजा देने में टालमटोल किया, जिन कामगारों ने मृतक के परिजनों को मुहावजा देने की मांग की थी, उनको प्लास्टो ‘Plasto’ कंपनी द्वारा काम से निकालना, वो भी इस महामारी में क्या सही है.
क्या पैसे कमाने के लिए कामगारों से ज्यादा काम और कम वेतन दिया जा रहा है, जिससे कि कामगार मुन्ना का संतुलन बिगड़ा ?
क्या कंपनी मालिक कामगारों की सुरक्षा को नजरअदांज कर रहा है ?
क्या इस मामले में पुलिस प्रशासन सही तरीके से जांच करेगी ?
क्या पीड़ित के परिजनों को पत्नी को न्याय मिल पाएगा ?
क्या प्लास्टो ‘ Plasto ‘ कंपनी के प्रबंधन और ठेकेदार पर उचित कार्रवाई होगी ?
इन सभी सवालों के जवाब पुलिस की जांच पूरी होने के बाद मिलेंगे, बशर्ते इस मामले को दबाने की कोशिश न कि जाए.