Published On : Tue, Oct 13th, 2020

Diksabhoomi में कार्यक्रम करने की अनुमति की याचिका हुई खारिज

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नागपुर – बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ( Nagpur Bench of Bombay High Court ) ने सामाजिक कार्यकर्ता ( Social Worker ) डॉ. मिलिंद जीवने ( Dr. Milind Jivane ) की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया है, जिसमें याचिकाकर्ता ( Petitioner ) ने दीक्षाभूमि ( Dikshabhoomi ) पर 14 अक्टूबर को धम्म दीक्षा दिवस ( Dhamma Diksha Day ) और 24 से 26 अक्टूबर तक दशहरे के मौके पर धम्मचक्र प्रवर्तन दिन के आयोजन को अनुमति देने की प्रार्थना की थी.

याचिकाकर्ता ( Petitioner ) ने जगन्नाथ पूरी रथ यात्रा ( Jagannath Puri Rath Yatra ) और अयोध्या ( Ayodhya ) के श्रीराम जन्मभूमि शिलान्यास महोत्सव का हवाला दिया था. मामले में सभी पक्षों को सुनकर कोर्ट ( Court ) ने माना की डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक समिति ( Dr. Babasaheb Ambedkar Memorial Committee ) निजी संस्था है.

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उन्हें इस प्रकार के आयोजन के आदेश नहीं दिए जा सकते. याचिकाकर्ता ( Petitioner ) की ओर से एड. मोहन गवई ( Ad . Mohan Gawai ) और एड. संदीप तटके ( Ad. Sandeep Tatke ) ने पक्ष रखा था. याचिकाकर्ता डॉ. मिलिंद जीवने ( Dr. Milind Jivane ) के अनुसार अनलॉक की प्रक्रिया में भारत सरकार ( Indian Government ) ने कार्यालय ( Office ), उद्योग ( Industry ), रेस्टॉरेंट ( Restaurants ) और अन्य सार्वजानिक सेवाओ ( Other Public Services ) को सोशल डिस्टेंसिंग ( Social Distancing ) के नियमों के साथ शुरू करने की अनुमति दी है.

इस वर्ष सर्वाच्च न्यायलय ( Supreme Court ) ने पूरी ( Puri ) और अहमदाबाद ( Ahmedabad ) में रथ यात्रा की अनुमति दी थी. इसी तरह अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में कार्यक्रम कार्यक्रम करने की अनुमति दी गई, लेकिन दीक्षाभमि पर कार्यक्रम मनाने की अनुमति नहीं दी गई.

याचिकाकर्ता ने याचिका में डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक समिति के पदाधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए थे. उनके अनुसार समिति कोरोना का बहाना बनाकर इस वर्ष के आयोजन से बच रही है. आयोजन की अपनी जिम्मेदारी झटकनेवाले इन पदाधिकारियों को भी पद से बर्खास्त करने की भी बात कही थी.

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