– १ नवंबर से प्रमुख मार्गों पर १०० बस शुरू करने पर हो रहा मंथन
नागपुर : मनपा परिवहन विभाग में हुए टेंडर घोटाले का सूत्रधार परिवहन सभापति बाल्या बोरकर का नाम सामने आने पर न सिर्फ मनपा खजाने को चुना लगाने वाली टेंडर की आगे की प्रक्रिया रोक दी गई बल्कि परिवहन सभापति बाल्या बोरकर को पदमुक्त करने का निर्णय लिया जा चूका हैं.
बाल्या के जबरन दखल के कारण परिवहन विभाग के सम्बंधित अधिकारियों ने मनपा खजाने को चुना लगाने के हिसाब से कंडक्टर भर्ती की एजेंसी की निविदा जारी की ,निविदा शर्त ऐसी तैयार की गई थी कि सभापति के करीबी जिनसे उनका सौदा तय हुआ था,उन्हें मिले अर्थात आदमाने की कंपनी यूनिटी को मिले।इस क्रम में प्रतिस्पर्धी कंपनी पिछड़ गई.फिर उसने टेंडर की खामियां सम्पूर्ण शहर के दिग्गजों के मध्य बयां की.नतीजा मनपा सत्तापक्ष के एक दिग्गज ने यूनिटी को वर्कऑर्डर देने पर आपत्ति जाहिर की,इनकी आपत्ति कुछ दिनों बाद समझौता हो जाने के कारण समाप्त हो गई.
आपत्ति यह थी कि इस टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण होते ही ‘आपली बस’ के ड्राइवर की वेतन से लगभग दोगुणी उनके कंडक्टर की मासिक वेतन हो जाती।ऐसा राज्य में पहली बार नागपुर मनपा में हुआ होता,जिसका असर सम्पूर्ण महाराष्ट्र में हुआ होता।टेंडर का फायदा कंडक्टर वर्ग को हुआ होता और इनके तथाकथित नेताओं के मिलीभगत से टेंडर पर बड़ा हस्तक्षेप सभापति बाल्या बोरकर ने की थी.इसका दूसरा असर बस ऑपरेटरों पर हुआ होता,वह यह कि,उन्हें भी कंडक्टर से ज्यादा मासिक वेतन देने के लिए मजबूर होना पड़ता,ऐसे में बस ऑपरेटर भी मनपा से प्रति किलोमीटर दर ज्यादा करने की मांग भी कर सकती थी.
उक्त घटनाक्रम से बाल्या को कंडक्टर के नेताओं के मार्फ़त प्रति कंडक्टर ३००० रूपए के आसपास मिलता।इसमें से कुछ हिस्सा कंडक्टर के नेताओं को मिलता रहता।सूत्र बतलाते हैं कि उक्त हथकंडा भाजपा के किसी बड़े नेता के नाम पर की जा रही थी.उन्हें पुख्ता भनक लगते ही टेंडर की अग्रिम प्रक्रिया अर्थात वर्कऑर्डर रोक दिया गया.उक्त नेता उक्त घटनाक्रम से इतना झल्ला गए कि परिवहन सभापति को पदमुक्त करने हेतु संबंधितों को निर्देश दे दिए.
मंत्री की सकारात्मक दखल पर शुरू हो सकती हैं ‘आपली बस’
मंत्री के विश्वसनीय सूत्रों के माने तो उनकी विगत दिनों ‘आपली बस’ शुरू करने मामले पर मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी से चर्चा हुई.इस चर्चा के अनुसार आयुक्त ने १ नवंबर से प्रमुख मार्गो पर १०० बस शुरू करने के लिए राजी हुए.इसके लिए मार्ग तय करने का काम शुरू हैं.इससे जुड़े प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सभी को रोजगार के संग आवाजाही में सोशल डिस्टेंस का पालन करने में आसानी होंगी।
८ माह से १ भी बस CNG में तब्दील नहीं हुई
पूर्व सभापति के कार्यकाल में लगभग ५ दर्जन बस,कार को CNG में तब्दील किया गया था.वर्त्तमान परिवहन सभापति ने कोरोना काल में परिवहन सेवा बंद होने का फायदा उठाते हुए तय बसों को CNG में परिवर्तित करने की कोशिश की होती तो मनपा का बड़ा राजस्व में बचत देखा जा सकता था.लेकिन उनकी अरुचि के कारण पिछले ८ माह में एक भी बस CNG में परिवर्तित नहीं हो पाई.