नागपुर में दीक्षाभूमि में आज 64वां धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस, कोरोना को देखते हुए सादगी और सीमित रूप से मनाया जा रहा है। परमपूज्य डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर समिति के सचिव डॉ. सुधीर फुलझेले ने भी दीक्षाभूमि में आज लोगों को भीड़ ना जुटाने की अपील की है।
हर साल जिस तरह धम्मचक्र प्रवर्तन दिन हम लाखों की संख्या में दीक्षाभूमि पर मनाते हैं इस कोरोना महामारी के जागतिक संकट के पार्श्वभूमी पर परम पूज्य डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक समिति ने यह निर्णय किया है कि इस वर्ष धम्मचक्र प्रवर्तन दिन दीक्षाभूमि पर एकदम सादगी से मनाया जाएगा। मैं लोगों को विनती करता हूं कि आप भी अपने घरों में रहे, सुरक्षित रहे और धम्मचक्र प्रवर्तन दिन की सुबह 9 बजे अपने-अपने घरों में बुद्ध वंदना लें तथा बाबासाहेब आंबेडकर को मानवंदना दें। दीक्षा भूमि पर होने वाले कार्यक्रम सीधा प्रसारण आप ‘दीक्षाभूमि नागपुर’ या यू-ट्यूब चैनल पर देख सकते हैं।
धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस को चिह्नित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों, संगोष्ठियों का आयोजन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी किया जा रहा है। पूरी दुनिया में बौद्ध इस दिन को मनाते हैं, जब डॉक्टर बाबासाहेब अम्बेडकर ने विजयदशमी के अवसर पर 1956 में नागपुर की पवित्र दीक्षाभूमि में अपने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म को अपनाया था।