– RTI और अतिरिक्त आयुक्त द्वारा दी गई जानकारी में काफी अंतर
नागपुर : शहर के जागरूक नागरिक संजय अग्रवाल ने मनपा प्रशासन से RTI के तहत सरकारी कोटे (80%) में किये गए मरीजों का इलाज,इनमें से कितने मरीजों ने अस्पताल प्रबंधन द्वारा ज्यादा वसूले गए बिल के खिलाफ शिकायत की और कितने आवेदकों का कितना बिल कम हुआ.यह जानकारी मांगी थी.इसी सन्दर्भ में अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा था.
उक्त मामले/सवालात को लेकर पहले मनपा प्रशासन जवाब देने में मुकर गई,बाद में जानकारी दी तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र का जवाब भी मनपा प्रशासन की ओर से अतिरिक्त आयुक्त ने दी.दोनों के जवाबों में काफी अंतर देखा गया.
आधी-अधूरी जानकारी मिलने से क्षुब्ध अग्रवाल ने सुचना आयुक्त में अपील दायर की हैं.उन्होंने सूचना आयुक्त को जानकारी दी कि सुचना अधिकार के तहत मनपा प्रशासन ने दी कि 256 लोगों ने अतिरिक्त बिल वसूली के खिलाफ अपील की थी,जिसके अनुसार 3657280 रूपए लौटने के आदेश दिए गए थे.दूसरी ओर मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र का जवाब देते हुए मनपा अतिरिक्त आयुक्त जलज शर्मा ने लिखित जानकारी दी कि 872 अपीलकर्ता को 12790316 रूपए लौटने के निर्देश दिए गए.
अग्रवाल ने भ्रमित करने वाली उक्त जानकारी पर आरोप लगाया कि दी गई जानकारी गलत हैं और निजी अस्पतालों को लाभ पहुँचाने के लिए असल जानकारी छिपाई जा रही.
AUDITOR सिर्फ अस्पताल में रोजाना भर्ती होने वालों को गिन रहे
पिछले एक साल से अधिक समय से नागपुर शहर सह तमाम देश में कोरोना का कहर जारी हैं,कोरोना का दूसरा लहर में उसकी तीव्रता काफी देखी जा रही,अगले कुछ माह के भीतर तीसरा लहर के आगमन की संभवना चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने दर्शाई हैं,जो और भी तीव्र होने वाली हैं.
दूसरी लहर में जिला सह मनपा प्रशासन कोरोना के BREAK THE CHAIN मामले में पूर्णतः असफल होती नज़र आ रही.न पूर्ण सरकारी व्यवस्था,और न ही निजी अस्पतालों की निगरानी कर पा रही.निजी अस्पतालों को ऑडिटरों के भरोसे छोड़ दिया।ऑडिटर सिर्फ रोजाना भर्ती होने वाले मरीजों की गिनती कर रहे.और इक्के-दुक्के शिकायत को स्वीकार कर रहे.नतीजा ऑडिटरों की शह पर निजी अस्पताल संचालक मजे काट रहे.इस मामले में मनपा प्रशासन अजीब से चुप्पी साध निजी अस्पतालों के कृतों को संरक्षण दे रही.किसी परिजन या समर्थक ने विरोध किया तो मनपा प्रशासन की शह पर अस्पताल प्रबंधन विरोधकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज करवाकर अजीब से दहशत फैला रही.
आपली मिनी बसों को बनाया गया ‘शव वाहिका’
कोरोना के दूसरे लहर ने मनपा प्रशासन के ढुलमुल रवैय्ये के कारण उन्हें बुरी तरह झकझोर दिया।मनपा प्रशासन बतौर ‘नोडल एजेंसी’ कोरोना पर काबू पाने में असफल रही,क्यूंकि पूर्व में ठोस व्यवस्था नहीं की,इसलिए हर मामले में मुँह की खानी पड़ रही हैं.रोजाना सैकड़ों कोरोना मरीजों की मृत्यु हो रही.जिसे घाट तक ले जाने के लिए मनपा प्रशासन ने आपली बस के बेड़े में शामिल कुछ दर्जन मिनी बसों की सीटें निकाल कर उसे ‘शव वाहिका’ में परिवर्तित कर निशुल्क सेवाएं दे रही हैं.इन शव वाहिकाओं को मनपा के सभी 10 जोन और मनपा मुख्यालय के खड़ी कर सेवाएं दी जा रही.
कम चलने वाले बंद होटल बनते जा रहे CCC
कोरोना की बढ़ते प्रभाव को देखते हुए मनपा प्रशासन ने पिछले साल से ही होटल को कभी बंद तो कभी 50% शुरू रखने के आदेश समय-समय पर देते रहे.इस चक्कर में छोटे-छोटे होटल संचालकों पर गहरा असर पड़ा.इस व्यवसाय को जिन्दा रखने के लिए पिछले साल जैसे तैसे संभाल लिए लेकिन दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप में अपने व्यवसाय का स्वरुप बदलने पर मजबूर होना पड़ा.मनपा प्रशासन के पास कई दर्जन छोटे-छोटे होटल ( चिकित्सकों के सहयोग से ) CCC (कोविड केयर सेंटर) में तब्दील करने हेतु आवेदन किया जा रहा,इनमें से कुछेक को अनुमति भी दे दी गई.शेष अमुमति के लिए मशक्कत कर रहे.