नागपुर: कोरोना महामारी के दौरान सरलता से अपने ऑटोरिक्शा को एम्बुलेंस में तब्दील करने वाले ऑटोरिक्शा चालक आनंद वर्धेवार को महापौर दयाशंकर तिवारी ने सम्मानित किया. इस अवसर पर महापौर ने कहा कि वर्धेवार ने समाज के लिए एक अत्यंत सरहनीय योगदान दिया है. कोरोना के डर से मरीज़ों को अस्पताल ले जाने के लिए ऑटोरिक्शा चालक आम तौर पर अनिच्छुक होते हैं.
लेकिन वर्धेवार ने न केवल अपने ऑटो से मरीज़ों को अस्पताल पहुंचाया बल्कि उन्होंने अपनी ऑटोरिक्शा में ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने का भी फ़ैसला किया ताकि मरीज़ों को कठिन परिस्थितियों में भी अस्पताल ले जाया जा सके और मरीज़ रास्ते में ही दम न तोड़ दें. इस सरहनीय पहल से नागरिकों के जीवन को बचाने में बहुत मदद मिली है.
अभी तक उन्होंने 12 कोरोना पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती कराया है. इस नेक पहल के लिए विदर्भ टाइगर ऑटोरिक्शा एसोसिएशन के मार्गदर्शक विलास भालेकर ने एसोसिएशन की ओर से ऑक्सीजन सिलेंडर प्रदान किए और साथ ही आरटीओ से आवश्यक इजाज़त भी प्राप्त की गई. कोषाध्यक्ष अशोक न्यायखोर ने कहा कि कुछ और ऑटोरिक्शा चालक इस काम में सहयोग देने के लिए तैयार हैं. वर्धेवार ने कहा कि उनके ऑटो में सफर कर चुके दो मरीज़ों की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई. फिर उन्होंने ऑटोरिक्शा में ही ऑक्सीजन सिलेंडर स्थापित करने का फ़ैसला किया.
निजी एम्बुलेंस के चालक काफी ज़यादा शुल्क लेते हैं और गरीब आदमी उन्हें पैसे नहीं दे पाता है. यह सब देखकर मुझे प्रेरणा मिली. बड़े सिलिंडर का इस्तेमाल करने में आम तौर पर मुश्किलें होती हैं अतः वर्धेवार एक छोटे सिलेंडर के लिए प्रयास कर रहे हैं. इस अवसर पर महिला एवं बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा दिव्या धुरडे और लकड़गंज जोन की अध्यक्षा मनीषा अत्करे भी उपस्थित थीं.