Published On : Sat, May 29th, 2021

गोंदिया: रेलवे स्टेशन पर ‘ चाइल्ड हेल्प डेस्क ‘ तथा ‘चाइल्ड रेस्ट रूम ‘ स्थापित

गोंदिया। ऐसा कई बार होता है कि किशोर बच्चे अपने माता-पिता से गुस्सा होकर घर से भाग जाते हैं , कई बार काम की तलाश में.. तो कभी ऐसे ही ?
उन्हें नहीं पता होता कि उन्हें कहां जाना है और इस दुविधा में सफर करते हुए कई बार लापता भी हो जाते हैं।

लेकिन रेलवे पुलिस की सक्रियता के बदौलत कई बार यह बच्चे वापस मिल भी जाते हैं जिन्हें आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद उन्हें उनके परिजनों से तत्परता पूर्वक मिलाया जाता है।
खोये- बिछड़े बच्चे को पाकर जहां अभिभावकों की आंखें छलक आती है वहीं रेलवे पुलिस के कार्य की सराहना भी होती है।

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‘चाइल्ड प्रोटक्शन एंड केयर’ पर सेमिनार का आयोजन
मंडल सुरक्षा आयुक्त ( RPF नागपुर ) पंकज चुघ, सहायक सुरक्षा आयुक्त एस.डी देशपांडे के मार्गदर्शन में ,प्रभारी निरीक्षक आरपीएफ पोस्ट गोंदिया के नंदबहादुर के नेतृत्व में शुक्रवार 28 मई को रेलवे स्टेशन गोंदिया में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ‘ चाइल्ड प्रोटेक्शन एंड केअर ‘ के सम्बंध में एक सेमिनार का आयोजन किया गया, मीटिंग में इंडियन सोशल वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों के साथ, स्टेशन प्रबंधक गोंदिया, शासकीय रेल पुलिस प्रभारी एवं कर्मचारी तथा आरपीएफ के बल सदस्य उपस्थित रहे , जिसमें उपस्थित सभी लोगों को रेल परिसर में गुमशुदा, घर से भागकर आये, या असहाय बालकों के मिलने पर की जाने वाली कार्यवाही के बारे मुख्यालय से प्राप्त दिशा निर्देशों के सम्बंध में जानकारी दी गई, एवम् ऐसी स्थिति में रेल कर्मचारियों के क्या कर्तव्य है यह बताया गया।

ज्ञात हो की रेल परिसर में गाड़ियों में अधिकांश ऐसे मामले प्रकाश में आ चुके है, जिसमें कई मामलों में रेसुब द्वारा पालकों से बिछड़े, असहाय, एवं घर से भागे हुए बच्चों को विधिवत कार्यवाही करते हुए उनके परिजनों से मिलवाया है।
वर्तमान में रेलवे स्टेशन गोंदिया के प्लेटफॉर्म क्रमांक 04 पर ‘ चाइल्ड हेल्प डेस्क ‘ तथा ‘चाइल्ड रेस्ट रूम ‘ स्थापित किया गया है, जिसमें आरपीएफ, जीआरपी, एवम एन.जी.ओ.सयुंक्त रूप से काम कर रहे है।

रवि आर्य

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