नागपुर. जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या कम हो रही है. रिकवरी रेट 97 फीसदी तक पहुंच गया है लेकिन विशेषज्ञों द्वारा तीसरी लहर की संभावना के मद्देनजर खतरा अब भी टला नहीं है. इस बीच ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. वहीं दूसरी ओर मरीजों को लगने वाली इंजेक्शन की किल्लत भी बढ़ती जा रही है. यही वजह है कि इलाज में देरी के साथ ही मौत का प्रमाण भी बढ़ रहा है. ब्लैक फंगस के कुल मरीजों में 83.69 प्रतिशत मरीज केवल जिले के हैं. वहीं 92.64 प्रतिशत मौतें भी केवल जिले में हुई हैं. गड़चिरोली को छोड़कर संभाग के सभी जिलों में म्यूकोरमाइकोसिस के मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
गड़चिरोली में अब तक कोई भी मरीज नहीं मिला है. विभाग में कुल 1,613 मरीज मिले हैं. इसमें से 1,350 मरीज जिले के हैं. साथ ही संभाग में अब तक 136 मौतें हुई, जिसमें से 126 मौतें जिले में हुई हैं. शुक्रवार को 15 नए मरीज मिले. वर्तमान में 489 मरीजों का इलाज चल रहा है. जबकि 738 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं. भंडारा जिले में अब तक 17 मरीज मिले जिसमें से 6 की सर्जरी की गई, 3 डिस्चार्ज हुए. वहीं चंद्रपुर जिले में 94 मरीज मिले इसमें 3 की मौत हुई, 46 की सर्जरी की गई जिसके बाद 45 डिस्चार्ज हो गए हैं. इसी तरह वर्धा में 108 मरीज मिले, जिसमें 3 की मौत हुई.
इंजेक्शन की किल्लत, भटक रहे परिजन
ब्लैक फंगस के मरीजों को लिपोसोमल अम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन दिया जाता है. किसी भी मरीज को एक से 40 इंजेक्शन दिये जाते हैं. एक दिन में 3-4 इंजेक्शन लगाये जाते हैं. लेकिन इंजेक्शन की कमी बनी हुई है. खुले बाजार में इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं. यह इंजेक्शन जिला शल्यचिकित्सक के माध्यम से आंवटित किये जाते हैं. बताया जाता है कि इंजेक्शन का उत्पादन कम होने की वजह से आपूर्ति नहीं हो रही है. जबकि विदर्भ में ब्लैक फंगस के मरीज अधिक मिल रहे हैं. इस हालत में विदर्भ को सबसे ज्यादा आपूर्ति की जानी चाहिए. लेकिन स्थिति विपरीत बनी हुई है. एक अस्पताल को जरूरत का आधे भी इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं. इससे मरीजों का डोज पूरा नहीं हो रहा है. इंजेक्शन के अभाव में डॉक्टर भी असहाय महसूस कर रहे हैं. परिजन इंजेक्शन के लिए भटक रहे हैं. डॉक्टरों के सामने गिड़गड़ाने के बाद भी कोई लाभ नहीं मिल रहा है.
नीचे उतरा कोरोना का ग्राफ
इस बीच कोरोना मरीजों की संख्या कम होने लगी है. डॉक्टरों की मानें तो इस महीने के अंत तक मरीजों की संख्या तेजी से कम होगी. लेकिन जुलाई में एक बार फिर संक्रमण के फैलने की संभावना व्यक्त की जा रही है. इस बीच चौबीस घंटे के भीतर जिले में 12,290 लोगों की जांच की गई. इसमें 89 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई. अब तक जिले में 4,76,368 लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं 7 मरीजों की मौत के साथ ही मृतकों का आंकड़ा 8,995 तक पहुंच गया है. वहीं 191 मरीज ठीक हुये. बारिश के दिनों में संक्रामक बीमारियां बढ़ जाती है. डॉक्टरों का कहना है कि यदि सावधानी और सतर्कता नहीं बरती गई तो संक्रमण फैलने में देरी नहीं लगेगी. अब भी सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य नियमों का पालन अनिवार्य है.