Published On : Mon, Jun 14th, 2021

गोंदिया: आदिवासियों को खुशहाल जीवन की राह दिखाएगी ‘ जैविक खेती ‘

Advertisement

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के स्कूलों के लिए पुलिस ने चलाया, वृक्षारोपण अभियान


गोंदिया : जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में माओवाद की चुनौती से निपटने के लिए जमीनी स्तर पर रणनीति बनाने की जरूरत है इसी दृष्टिकोण के तहत कृषि , शिक्षा , स्वास्थ्य, रोजगार के आधारभूत ढांचे से वंचित स्थानीय आदिवासियों से समर्थन जुटाने का माहौल बनाने के प्रयास जिला पुलिस प्रशासन द्वारा तेज कर दिए गए हैं।

पर्यावरण संरक्षण में स्कूली छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के स्कूलों के लिए वृक्षारोपण अभियान शुरू किया गया है।

Gold Rate
Wednesday 07 Jan. 2025
Gold 24 KT 77,400 /-
Gold 22 KT 72,400 /-
Silver / Kg 89,900 /-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

पेड़ लगाए जाने के अलावा इन स्कूलों में अध्ययनरित आदिवासी विद्यार्थियों को पौधों के रखरखाव हेतु प्रेरित किया जा रहा है ।
छात्रों को वृक्षों के साथ भावनात्मक रूप से जोड़ने के लिए पुलिस बल द्वारा पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

जिला पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे , अप्पर पुलिस अधीक्षक अशोक बनकर के मार्गदर्शन में जिले के देवरी तहसील के अति संवेदनशील चिचगढ़ थाना अंतर्गत आने वाले महाराष्ट्र- छत्तीसगढ़ के बॉर्डर पर स्थित ग्राम ककोड़ी के जिला परिषद स्कूल को पर्यावरण के अनुकूल बनाने हेतु सामुदायिक परियोजना के माध्यम से रविवार 13 जून को ‘ माझी शाला- हरित शाला’ (Eco friendly School ) उपक्रम के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया इस दौरान स्कूल परिसर के प्रांगण में छात्र-छात्राओं द्वारा पौधे लगाए गए इस अवसर पर प्रधानाध्यापक मेश्राम सर , अंबाते सर , विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री केवट सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे जिन्होंने इस पहल के लिए चिचगढ़ थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक अतुल तवाड़े, पुलिसकर्मी संदीप तोंदले, कमलेश सहारे सहित पुलिस विभाग को धन्यवाद दिया।

कृषि में रासायनिक उर्वरकों की भारी लागत से बचें , मिश्रित खेती करें

पुलिस बल के प्रति सहानुभूति का माहौल बनाने के लिए तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के आदिवासी किसानों को भूमि की उर्वरा शक्ति को खराब होने से बचाने साथ ही प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप जैविक खेती को अपनाने के लिए , जैविक खेती पर आधारित सेमिनार लेकर कृषकों में इस बात के लिए जनजागृति लाई जा रही है कि कृषि में रासायनिक उर्वरकों की भारी लागत से बचें तथा मिश्रित खेती करें , इससे भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि होगी और यह विधि लाभदायक है जो खुशहाल जीवन की राह दिखाएगी।

रवि आर्य

Advertisement