– निगमीकरण निर्णय के विरोध मे हुवा आंदोलन
वाडी– AIDEF,INDWF,BPMS, के आह्वान पर कल मंगलवार को देश के सभी आयुद्ध निर्माणी के साथ साथ आयुद्ध निर्माणी अंबाझरी नागपुर में निगमीकरण के विरोध में एक बार फिर से आंदोलन किया गया.आंदोलन के प्रारंभ मे कर्मचारी सुबह सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों के वजह से आयुद्ध निर्माणियों पर लटक रही निगमीकरण की तलवार का जोरदार विरोध किया.पसच्यात सभी कर्मचारीयो ने काला फीता लगाकर काला दिवस मनाकर केंद्र सरकार का निषेध किया.
आंदोलन कारी यो के अनुसार जब से बीजेपी सरकार सत्ता में आई है तब से उनकी नज़र आयुद्ध निर्माणी को निगमीकरण करने पर लगी है .यह देश के सुरक्षा व्यवस्था हेतू धोकादायक दिखाई दे रहा है.लेकिन पिछले कई वर्षों से रक्षा क्षेत्र में कार्यरत तीनो फेडरेशन के लगातार संघर्ष एवं हड़ताल के बजह से अभी तक यह फैसला टला हुआ था
लेकिन 11 जून को हुई चीफ लेबर कमिश्नर के साथ मीटिंग के बाद एक बार फिर एकतर्फी निर्णय निगमीकरण कार्य में तेजी लाया गया है.इसी के निषेध हेतू मंगलवार को देश के 41 फैक्टरी के 80 हज़ार कर्मचारी आज फिर से सड़क पे उतरने को मजबूर हो गये.आयुध निर्मानी अंबाझरी मे भी जोरदार नारेबाजी कर आक्रोश व्यक्त किया गया.सभा मे सभी युनियन पदाधिकारीयो ने केंद्र सरकार के निती व निर्णय की आलोचना की. इस आंदोलन का नेतृत्व
ऑर्डनन्स एम्प्लाइज यूनियन के बी.बी. मजुमदार, अध्यक्ष गिरीश खाड़े ,आशीष पाचघरे कार्यसमिति सदस्य अबनिश मिश्रा,रक्षा कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष दीपक मेश्राम, महासचिव सुनीत त्रिपाठी, अरविंद सिंह,आयुद्ध निर्माणी मजदूर संघ के अध्यक्ष महावीर व्यास महासचिव सचिन डाबरे,विनय इंगले,
लोकशाही कामगर यूनियन के अध्यक्ष जगदीश गजभिये महासचिव वेदप्रकाश, सुदर्शन मेश्राम आदी ने किया.आंदोलन 100 प्रतिशत सफल होणे की जाणकारी देकर केंद्र सरकार ने यह एकतर्फी व देश की सुरक्षा के लिये घातक निर्णय स्थगित नही किया तो आंदोलन तेज करणे का मत गिरीश खाडे ने चर्चा मे दिया.