– पालकमंत्री के निर्देश एवं स्थानीय सांसद,स्थानीय विधायक के विरोध बाद भी पुलिस अधीक्षक के कानों पर जूं नहीं रेंग रहा
कन्हान – पिछले कुछ वर्षों में सम्पूर्ण जिला में ग्रामीण पुलिस काफी विवादों में हैं,इस चक्कर में वे आम जनता से कोसों दूर चली गई.सिर्फ मलाईदार मामलों को तरजीह दे रहे.इस पर पालकमंत्री ने नाराजगी जताई और स्थानीय ढुलमुल जनप्रतिनिधियों ने विरोध भी किया लेकिन पुलिस अधीक्षक पर कोई असर नहीं हो रहा.आखिर पुलिस अधीक्षक किसके इशारे पर मनमानी करने में लीन हैं ? वहीं राज्य विधानसभा में विपक्ष नेता पिछली सरकार में जब मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री थे तो अवैध धंधे खासकर अवैध रेती उत्खनन पर पूर्णतः पाबंदी थी,लेकिन सत्ता बदलते उन्होंने भी गृह जिले के मामले में चुप्पी साध ली,जिले में गर्मागर्म चर्चा का विषय बना हुआ हैं.
तबादले बाद भी कायम भ्रष्ट कर्मी
कन्हान पुलिस अंतर्गत 4-5 माह पहले 4 पुलिस कर्मियों का तबादला कर दिया गया था.लेकिन थानेदार उन्हें आजतक कायम रखे हुए हैं,कारण वे चारों उगाही में तज्ञ हैं.इसका हिस्सा ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक नियमित रूप से पहुँच रहा,इसके कारण उन्हें कायम रखने के साथ ही साथ पूर्ण समर्थन भी दिया गया। इसकी शिकायत पालकमंत्री से की गई तो पालकमंत्री ने पुलिस अधीक्षक से चर्चा की लेकिन अधीक्षक के कानों पर जूं नहीं रेंगा।इस सम्बन्ध में स्थानीय सांसद और विधायक ने भी अधीक्षक से जिरह की लेकिन उन्हें भी असफलता मिली।
शहर में चल रहा बड़ा जुआ अड्डा
कन्हान पुलिस की क्षत्रछाया में शहर के मध्य बड़ा जुआ का अड्डा चल रहा.यह अड्डा रोजाना शाम में शुरू होता हैं और तड़के सुबह तक संचलन किया जाता हैं.बीच में कुछ माह के लिए पूर्णतः बंद था क्यूंकि प्रशिक्षु उप-अधीक्षक क्षीरसागर के कार्यकाल में सम्पूर्ण इलाके में कोई भी अवैध धंधा नहीं टिक पाया था.इस अड्डे पर आसपास और खासकर कुछेक नागपुर से शौक़ीन आते हैं.अड्डे के संचालक दर्जन भर और हर मुसीबत से निपटने के मामले में सक्षम बताए जा रहे,इन संचालकों में विवादास्पद कोल ट्रांसपोर्टर का भी समावेश हैं.क्षीरसागर के तब्दले के बाद कन्हान के नए थानेदार के कार्यकाल में बड़ी धूमधाम से अड्डे का संचलन हो रहा,इसकी भी शिकायत कई जगह की गई लेकिन अड्डे के नाल से कोई हाथ धोना नहीं चाहता,इसलिए आज भी अड्डा खुलेआम चल रहा.
खनिज संपदा का दोहन में LCB की अहम् भूमिका
युति सरकार बदलते ही महाआघाड़ी सरकार (SHIVSENA,NCP,CONGRESS) के कार्यकाल में नागपुर जिले में रेती,गिट्टी,मुरुम आदि के अवैध उत्खनन बड़े पैमाने में शुरू हो गया.इस सरकारी नुकसान में जनप्रतिनिधि,जिला प्रशासन(जिलाधिकारी कार्यालय,SDO,माइनिंग अधिकारी,तहसीलदार),RTO और खासकर LCB की अहम् भूमिका बतलाई जा रही.LCB को जिला पुलिस अधीक्षक का खुले तौर पर संरक्षण प्राप्त हैं.
सवाल यह उठता हैं कि जिले के पालकमंत्री के निर्देश के बावजूद जिला पुलिस अधीक्षक की मनमानी जारी हैं,इसके पीछे किस जनप्रतिनिधि का हाथ हैं ?
उल्लेखनीय यह हैं कि अपने कार्यकाल में विपक्ष नेता (जब मुख्यमंत्री के साथ गृहमंत्री भी थे) वे रत्तीभर अवैधकृत को बर्दास्त नहीं करते थे,लेकिन विपक्ष में बैठते ही जिले के तरफ झांक कर न देखना,अवैधकृत्कर्ताओँ के आका जनप्रतिनिधि को सहयोग तो नहीं कर रहे ?
कोयला की खुलेआम हेराफेरी
कन्हान थाना क्षेत्र में 3 बड़े कोयले के खदान हैं और एक कोल वॉशरी।यहाँ उत्पादन बाद बिक्री और परिवहन मामले में खुलेआम धांधली चल रही.इस क्षेत्र में खदान और वॉशरी से सांठगांठ कर खुले बाजार में अवैध बिक्री की जा रही.लगभग आधा दर्जन कोयले के टाल भी फलफूल रहे.ये अच्छे कोयले के बदले कोयला रूपी पत्थर भेज रहे.इस चक्कर में WCL,बिजली उत्पादन करने वाली महानिर्मिति कंपनी को चुना लग रहा.इस मामले में भी खदान-वॉशरी-महानिर्मिति कर्मियों के साथ ही साथ कन्हान पुलिस की अहम् भूमिका बतलाई जा रही.