भड़ंगा , पिंडकेपार वन क्षेत्र में बाघ की सूचना मिलते ही ग्रामीणों में भय का वातावरण
गोंदिया। टाइगर की पैठ जंगल में कुछ कम नहीं होती , जिस की एक दहाड़ से सारा जंगल कांप उठता है। टाइगर अक्सर झाड़ियों में छिप जाता है और सही अवसर का इंतजार करता है जैसे ही उसे मौका मिलता है वह फुर्ती से झपट्टा मार कर हमला कर देता है।
गोंदिया जिले के गोरेगांव तहसील वन परीक्षेत्र के टाइगर रिजर्व बफर जोन एरिया अंतर्गत आने वाले ग्राम भड़ंगा बीट के पिंडकेपार से सटे जंगल में चरवाहे किसान पर 21 जुलाई बुधवार की दोपहर बाघ द्वारा हमला किए जाने का मामला सामने आया है।
मवेशियों ( बकरियों ) हेतु हरा पशु चारा इकट्ठा करने जंगल गए पुनाराम मोहन मेश्राम ( 60 , निवासी भड़गा , तहसील गोरेगांव ) पर गुस्से में टाइगर ने उसकी गर्दन पर झपट्टा मार , जंगल में उसकी जान ले ली। बाघ के हमले में चरवाहे किसान की मौत होने की जानकारी मिलते ही आसपास के खेतों से बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए।
ग्रामीणों की मानें तो बारिश का मौसम होने से जमीनी सतह में नमी है लिहाज़ा घटनास्थल के पास ही बाघ के पदचिन्ह (पगमार्क ) भी दिखाई दे रहे हैं , कुछ दूरी बाद पहाड़ी क्षेत्र होने से यह पता नहीं चल पाया कि बाघ किस ओर गया है। क्षेत्र में बाघ के मौजूदगी की सूचना मिलते ही ग्रामीणों में भय का वातावरण है उनका कहना है- अभी खेती किसानी का सीजन चल रहा है , कृषि सिंचाई का समय होने से ऐसे में देर शाम को भी फसल की रखवाली हेतु खेतों में जाना पड़ता है । कई किसान तो खेतों पर बनाई झोपड़ी में रात में रुकते हैं इसलिए उनमें खासी घबराहट नज़र आ रही है। वन विभाग को सतत सर्चिंग ( निगरानी ) जारी रखने का अनुरोध करते हुए आसपास के ग्राम वासियों ने पीड़ित परिवार को तत्काल आर्थिक मदद देने की मांग की है।
रवि आर्य