– उपलब्ध निधि को ओवर ऑइलिंग के लिए खर्च कर दिया गया
नागपुर- देश की अधिकांश सरकारी ताप बिजली परियोजनाएं उच्चतम बेयरिग के अभाव के कारण यथावत परिचालन डगमगाया रहा है।सुविधाओं के अभाव मे सरकारी ताप बिजली परियोजनाएं दम तोडती नजर आ रही है।जबकि निजी कंपनियों के पावर जनरेशन प्लांट इजाफा में हैं। यह सत्य है कि देश में मार्च २०२० से कोरोना विषाणुओं के प्रादुर्भाव के कारण जारी लाकडाऊन की वजह से बिजली परियोजनाओं का संचालन एवं परिचालन के लिए बेशकीमती बेयरिग खरीदी के लिये सभी प्रदेशों में शासन की ओर से निधि उपलव्ध नहीं कराया गया।
सूत्रों के मुताबिक कोराडी की 660 मेगावाट क्षमता वाले संयंत्र क्रं.८ ,९ व संयंत्र क्र.10 में बेयरिग खरीदी के लिये जो निधि प्राप्त हूई थी।वह बिजली केन्द्र ओवरायलिंग के लिये खर्च कर दिया गया था। नियमों के मुताबिक प्लांट शट डाउन (ओवरायलिंग) के समय प्रत्येक विधुत केन्द्रों में डैमेज कलपुर्जे की मरम्मत व फिटिंग करते समय कोल क्रेसर,कन्वेयर बेल्ट विधुत मोटर फ़ैन इत्यादि संयत्रों में उच्चतम गुणवत्ता के बेशकीमती बेयरिग फिट किया जाना चाहिए।परंतु महाराष्ट्र के सभी ताप विधुत केन्द्रों में वर्ष 2020-२०२१ के लिये बेयरिग खरीदी के लिये आवश्यक निधि खर्च के अनुरूप नहीं कराया गया।वैसे लाक-डाऊन की वजह से बिजली की मांग कम होने के कारण बहुत से विधुत केन्द्रों को बंद रखा गया था। परंतु बिजली इकाईयां ठप्प रहने की वजह से पुराने बेयरिगों की गुणवत्ता अपने आप कमजोर होने लगती है और इसी की वजह से बेयरिगों को बदलना निहायत जरूरी हो गया ?
इसलिए महाराष्ट्र राज्य विधुत निर्माण कंपनी सहित यही हाल एमपी पावर जनरेशन कंपनी,यूपी पावर जनरेशन कंपनी,छत्तीसगढ़ पावर जनरेशन कंपनी,पश्चिम बंगाल पावर जनरेशन कंपनी,झारखंड पावर जनरेशन कंपनी,बिहार पावर जनरेशन कंपनी,राजस्थान पावर जनरेशन कंपनी,गुजरात पावर जनरेशन कंपनी,आंध्रप्रदेश पावर जनरेशन कंपनी,उड़ीसा पावर जनरेशन कंपनी,पंजाब पावर जनरेशन कंपनी,हरियाणा पावर जनरेशन कंपनी इत्यादि प्रांतों के सरकारी ताप बिजली परियोजनाओं का परिचालन के लिए राज्य शासन की तरफ से बेयरिग खरीदी के लिये आवश्यक निधि उपलव्ध नहीं कराया गया।
उधर डैमेज बेयरिगों की वजह से जनरेशन पावर प्लांट का वुनियादी ढांचा डगमगा रहा है। जबकि देश की सभी निजि ताप बिजली परियोजनाओं का संचलन और परिचालन के लिए निजी कंपनियों के मुख्यालयों की तरफ से उच्चतम गुणवत्ता के बेसकीमती बेयरिगों की खरीदी के लिये आवश्यक निधि उपलव्ध नहीं कराया जा रहा है और इसी वजह से निजी परियोजनाएं रिकार्ड तोड बिजली उत्पादन मे सक्षम हैं।
निजी पावर प्लांटों को उच्चतम गुणवत्ता का कोयला
इतना ही नहीं निजी कंपनियों के पावर जनरेशन प्लांटों के लिये उच्चतम गुणवत्ता का कोयला उपलव्ध कराया जा रहा है। परंतु सरकारी ताप बिजली परियोजनाओं के लिये अत्यंत घटिया और निकृष्ट दर्जे का कोयला उपलव्ध कराया जा रहा है।जिसमे ज्वलन क्षमता बहुत ही कम प्रमाण मे पाई जाती है।जबकि निजी कंपनियों के पावर जनरेशन प्लांटों के लिये उच्चतम ज्वलन क्षमता वाला कोयला उपलव्ध कराया जा रहा है।
इतना ही नहीं सरकारी ताप बिजली परियोजनाओं का रख-रखाव,मरम्मत व साफ-सफाई उच्चतम गुणवत्ता की तथा श्रमिकों मे अपने कार्यो के प्रति हर्ष व्याप्त है तो सरकारी ताप बिजली परियोजनाएं यथावत रख-रखाव के अभाव में जनरेशन प्लांट दम तोड रहे हैं। क्योंकि निजी कंपनियों के पावर जनरेशन प्लांटों मे सतर्कता समयसूचकता और कर्तव्यपरायणता बरकरार होने से निजी कंपनियां फायदा मे चल रहीं हैं वही सरकारी ताप बिजली परियोजनाओं मे व्याप्त अनियमितता,भ्रष्टाचार और कामचोरी चरम पर होने की वजह से ये पावर प्लांट घाटे के गर्त मे डूबते नजर आ रहे हैं।