– यातायात अवरुद्ध से तीर्थयात्री परेशान,प्रशासन पर न्यायालय की अवमानना का आरोप
नागपुर: कोराडी राष्ट्रीय महामार्ग के दोनो तरफ सर्विस लेन से सटकर अवैध अतिक्रमण की वजह से यहां यातायात अवरुद्ध रहता है। सबसे अधिक अतिक्रमण का खतरा महादुला-कोराडी बाजारपेठ परिसर में वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है।
महादुला-कोराडी बाजारपेठ परिसर निर्माणाधीन फोर लेन उडानपुल का कार्य जोरों से शुरु है। सर्विस लेन से सटकर मटन मार्केट का नये निर्माणाधीन बाजार पेठ मे स्थानांतरण का मामला प्रलंवित है। यहां तीर्थक्षेत्र कोराडी आने वाले श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत् पंहुची है। दो साल पूर्व राज्यमार्ग प्राधिकरण और पुलिस-प्रशासन ने कोराडी पुलिस थाना मे बैठक आयोजित कर सर्विस लेन के दोनो तरफ अतिक्रमण हटाने के लिये व्यापारियों को सहयोग की अपील की थी।परंतु राजनेताओं और तत्संबंधित अधिकारियों की सांठ-गांठ और लफीताशाही के चलते यहां का अवैध अतिक्रमण नही हटाया जा सका? नतीजतन साप्ताहिक रविवारीय बाजार के दिन यातायात और भीड को नियंत्रित करने मे पुलिस को काफी परेशानियों का सामना करना पडता है।
ज्ञात हो कि विगत 24 व 25 जनवरी 2011 को मुंबई उच्चन्यायालय नागपुर खंडपीठ के आदेश पर महादुला-कोराडी बाजारपेठ परिसर का अतिक्रमण हटाया गया था।उल्लेखनीय यह है कि अतिक्रमण हटाने के कुछ महीने पश्चात् राजनैतिक गलियारे और पुलिस-प्रशासन की छत्रछाया में सर्विस लेन के दोनो तरफ अतिक्रमण करवा दिया गया। नतीजतन जनता जनार्दन यात्रियों एवं वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पडता है।सर्विस लेन के दोनो तरफ अतिक्रमण की वजह से सडक दुर्घटना में यहां निर्दोष लोगों की जाने जा चुकी है।
स्थानीय जागरूक नागरिकों के अनुसार ऐसा नही कि सर्विस लेन सड़क के दोनो तरफ अतिक्रमण के सबंध में जिले के पालक मंत्री व ऊर्जा मंत्री डा नितिन राऊत और को इसकी भनक न हो? यहाँ अतिक्रमण की वजह से सबसे अधिक प्राणहीन के खतरे की चिंता महानिर्मिती कोराडी और खापरखेडा विधुत परियोजना के कर्मियों को सता रहा है।
इस सबंध में ऊर्जा मंत्री डा नितिन राऊत को भी मालुम है कि इस मामले मे उच्चन्यायालय के आदेशों का सरासर उलंघन हुआ है।परंतु यहां पर उन्मूलन कार्यवाई करने मे जिला प्रशासन व पुलिस-प्रशासन की चुप्पी विभिन्न संदेह को जन्म दे रही है। यह समझ के परे है ? राष्ट्रीय राज्यं मार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की माने तो नैशनल हाईवे ने सड़क सीमा पर निशान लगाया जा चुका है।यहां अतिक्रमण धारकों को छोडकर अधिकृत मकान व दुकान धारकों का मुआवजा राशि जिलाधिकारी कार्यालय मे जमा किया जा चुका है। परंतु अभि तक प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों पर कोई कार्रवाई नही की।
इस सबंध में भूतल सडक परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी को भी भलीभांति मालुम हैं कि अतिक्रमण की वजह से यहां उड़ान पुल निर्माण में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है यहां यातायात व्यवस्था चरमराई सी रहती है और यहां किसी भी क्षण सडक दुर्घटना में निर्दोष लोगों की प्राणहानी और वित्तहानी का खतरा उत्पन्न हो सकता है।इस सबंध में राष्ट्रीय राज्य मार्ग प्राधिकरण भी उचित कार्यवाई करने मे असमर्थता जता रहा है। इस सबंध में पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन की भूमिका संदेहास्पद मानी जा रही है ?
स्थानीय नागरिक के मुताबिक पुलिस-प्रशासन एवं ज़िला प्रशासन ने समय रहते जल्द इस संबंध मे आवश्यक कार्यवाई नही की तो मुंबई उच्चन्यायालय नागपुर खंडपीठ मे पुनः इस जानलेवा अतिक्रमण के नाशूर के खिलाफ पुनः “जनहित संशोधन याचिका” दायर की जायेगी।
स्थानीय नागरिकों ने रविवार को मौका ये बारदात स्वयं सडक परिसर का मुआयना किया तो पाया गया कि यहां यातायात व्यवस्था चरमराई सी रहती हैं।सबसे अधिक अतिक्रमण का खतरा महादुला-कोराडी बाजारपेठ परिसर में वाहन संचालकों को काफी परेशानियों का सामना करते हुए अपना मार्ग तय करना पड रहा है। इतना ही नहीं रविवारीय बाजार के दिन धक्क-मुक्की के बीच ग्राहक नागरिकों को बाजार मे सामान खरीदने आना जाना पड रहा है?जो कि जान जोखिम मे डालना खतरे से कम नहीं हैं। सबसे अधिक जोखिम महिलाओं को उठाना पडता है।