नागपुर। महानिर्मिती पावर प्लांटों मे कोयला परिवहन के नाम पर करोडों रुपये की हेराफेरी का मामला प्रकाश में आया है।इस प्रकरण की महानिर्मिती व्यवस्थापन की ओर से पुलिस मे शिकायत भी दर्ज की गई है।बताया जाता है कि गोंडेगांव-सिंगोरी ओपन कास्ट कोयला खदानों से परिवहन ठेका अनेक फर्मों को दिया गया है।जिसके 28 सितंबर को रात्रि के दौरान कोयला से लदे परिवहन टिप्पर क्रमांक MH 22 A A3414 आया कि सूचना सुरक्षा विभाग को सूचना दी।जिसमे दूसरे वाहन का स्पीकर लगाया गया हुआ था।
घटना की खबर मिलते ही सुरक्षा कर्मियों ने नम्बर प्लेट से स्टीकर निकाला गया तो टिप्पर का असली नम्बर MY 40 BG 0901 दर्शाया गया है।पावर प्लांट व्यवस्थापन द्वारा जांच-पड़ताल से पता चला कि MH 22 AA 3414 यह टिप्पर कोयला से भरा भानेगांव टी पाईंट पर खडा हुआ था। टिप्पर क्रमांक का GPS उपकरण यह क्रमांक MH40 BG 0901मे चिपकाया गया था।जोकि टिप्पर क्रमांक MH-22,AA 3414 नंबर बदला गया था।
जिसमे घटिया दर्जे का कोयला पाया गया था।इस प्रकार कोयला की अफरातफरी करके महानिर्मिती को 80 हजार रुपये का चूना लगाया गया है। सबंधित परिवहन फ़र्म की जांच-पड़ताल शुरू है।इस प्रकरण की मुख्य सुरक्षा अधिकारी कर्नल राजीव मालेवार विधुत केंद्र के मुख्य अभियंता प्रकाश खंडारे के आदेश पर EE ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।महानिर्मिती मे व्याप्त चर्चाओं के मुताबिक सुनियोजित तरीके से बिजली परियोजनाओं मे आपूर्ति किया जाने वाला वहूमूल्य कोयला की स्मगलिंग पिछले 2-3 सालों से शुरू है।बता दें कि ऊंचे स्पेशल कोयला निजी औधोगिक इकाईयों मे बेच दिया जाता है और घटिया माल महानिर्मिती पावर प्लांट में आपूर्ति किया जाता है।जिसका करोडों रुपये भुगतान महानिर्मिती को सहन करना पड रहा है।