अपराधी, नक्सली अपने सिंडिकेट को विकसित करने के लिए हवाला के पैसे का इस्तेमाल करते हैं: डीसीपी गजानन राजमाने
नागपुर: शहर में पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जोन 3, गजानन राजमाने द्वारा उजागर किए गए हवाला हब के सिलसिले में, नागपुर पुलिस ने आयकर (आईटी) विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ लगभग 2,700 लॉकर का विवरण साझा किया है। जबकि आगे की जांच जारी है।
करीब एक करोड़ की बेहिसाबी नकदी बरामद:
शहर में हवाला रैकेट पर सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए डीसीपी राजमाने ने 26 नवंबर को इतवारी और लकड़गंज इलाके में कुछ संपत्तियों पर छापेमारी की थी.इस मौके पर 84 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की गई।बाद में जोन 3 पुलिस ने इस सिलसिले में 12 लाख रुपये नकद बरामद किए।
अपराधी, नक्सली अपने सिंडिकेट को विकसित करने के लिए हवाला के पैसे का इस्तेमाल करते हैं: डीसीपी राजमाने
यह गंदा खेल करेंसी नोटों के सीरियल नंबर के आधार पर खेला जाता है। हवाला लेनदेन में सबसे फर्जी तरीके से करोड़ों रुपये का लेन-देन किया जाता है। जबकि कारोबारी इसका इस्तेमाल इनकम टैक्स से बचने और जीएसटी बचाने के लिए करते हैं दूसरी ओर, अपराधी, नक्सली हवाला के माध्यम से प्राप्त धन का उपयोग अपने सिंडिकेट को फैलाकर समाज में दहशत फैलाने के लिए करते हैं, डीसीपी गजानन राजमाने ने कहा।
ठग संतोष आम्बेकर भी गुजरात स्थित बालाजी फर्म की मदद से हवाला के पैसे का फायदा उठाता था। जिसके चलते नागपुर पुलिस ने इस फर्म के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाया था, डीसीपी राजमाने ने कहा
देश के विकास में बाधा – हवाला
डी सी पी राजमाने ने कहा कि कानून सभी व्यक्ति के लिए एक समान है बावजूद इसके कई उच्च स्तरीय लोग जी एस टी और टैक्स बचाने के लिए लाखों -करोंडो रुपए की हेरफेर करते है। टैक्स एवं जीएसटी के पैसों का उपयोग आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों के लिए किया जाता है। उनके लिए विभिन्न सरकारी योजनाए लाई जाती है।यही कारण है कि देश के विकास में बाधा निर्माण हो रही है। हवाला के कारण देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है। गरीब लोगों को मूलभूत सुविधा एवं स्वास्थ सुविधा नहीं मिल पा रही है।
शुभम नागदेवे