Published On : Thu, Jan 20th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

खुलने नहीं देंगे स्कूल,स्कूल चालू करने का निर्णय गलत-अग्रवाल

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विदर्भ पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री संदीप अग्रवाल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर महाराष्ट्र सरकार के स्कूल खोलने के निर्णय की आलोचना की और उसे सरासर गलत बताया।

अग्रवाल ने कहा कि आज प्रदेश की शिक्षण मंत्री ने मुख्यमंत्री से प्रदेश की स्कूलों को चालू करने की मांग की है और कहा है कि कोविद प्रोटोकॉल के अंतर्गत स्कूल चालू करने में कोई तकलीफ नहीं है ओर प्रदेश की सभी स्कूलों को 1 से 12 तक 24 जनुवारी से शुरु किया जायेगा।

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अग्रवाल ने कहा एक तरफ देश में जहां कोरोना अपने चरम पर है रोजाना देश में 2 से 2.5लाख मरीज निकल रहे हैं वही प्रदेश मे 40 से 45 हजार मरीज और नागपुर जैसे शहर में 2500 मरीज रोजाना निकल रहे हैं उस दौरान इस प्रकार का निर्णय पूरी तरह गलत और हिटलरशाही है।सरकार जहा कोविद प्रोटोकॉल का ज्ञान देकर पल्ला झाड़ रही है वही प्रदेश की स्कूलों ने पिछले 2 सालों में एक भी सरकारी आदेश का पालन नहीं किया, केवल कागज निकाल कर खानापूर्ति हमेशा शिक्षण विभाग कर रहा है।

ऐसे माहौल में जब हर इंसान अपनी जिंदगी से झुंज रहा है ऐसे समय जनता के साथ न खड़े रहकर केवल शिक्षण सम्राटों के साथ सरकार खड़ी है।

अग्रवाल ने कहा कि देश में तकरीबन 40 हजार बच्चे कोविद से संक्रमित है और तकरीबन 82 हजार बच्चे कोरंटीन है ऐसी स्थिति में स्कूल खोलना समझ से परे है।

अग्रवाल ने कहा की पिछले 2 सालों से हम सब के बच्चे ऑनलाइन पड़ रहे हैं और अब सेशन खत्म होने को भी केवल 2 महीने बाकी है तो फिर ऐसी हड़बड़ी क्यो?न चाहते हुए भी हम लोग मजबूरी में फीस अदा कर रहे हैं और बच्चों को पड़ा रहे है और 2 महीने हम ऑनलाईन पड़ा लेंगे जब पालक को तकलीफ नहीं तो सरकार और स्कूल क्यो जल्दी कर रहा है इसका जवाब जरूरी है।

अग्रवाल ने कहा कि जब हम बड़े ही कोविद नियमों का पालन नहीं कर सकते तो बच्चे कैसे कर पाएंगे। सरकार और स्कूलों को भी यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि अगर स्कूल परिसर में बच्चे को कोविद हो जाता है तो इसकी जवाबदेही किसकी रहेंगी यह भी तय करना जरूरी है।

अग्रवाल ने महाराष्ट्र सरकार से मांग की है कि वे अपने तुगलकी फरमान को बदले और पूरा सेशन ऑनलाईन चालू रखे।अग्रवाल ने पलको से भी संघटित होकर लड़ने को कहा और निवेदन किया कि अगर सरकार नही मानती है तो हम भी अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।

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