Published On : Sat, Jan 22nd, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

कमरे में बंद कर दे दनादन.. केंद्रीय मंत्री ने अफसरों को पीटा, एक का हाथ टूटा, अस्पताल में भर्ती

Advertisement

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडु पर एक सरकारी अधिकारी ने आरोप लगाया है कि समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने उन पर हमला कर दिया और मार कर उसका हाथ तोड़ दिया। अधिकारी के हाथ का बैंडेज कराया गया है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

ये घटना केंद्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडु के गृह नगर ओडिशा के बारीपदा की है। विश्वेश्वर टुडु केंद्र में आदिवासी मामलों के और जलशक्ति राज्य मंत्री हैं।विश्वेश्वर टुडु मयूरभंज से बीजेपी के सांसद हैं और पिछले साल जुलाई में कैबिनेट पुनर्गठन के दौरान पीएम मोदी ने उन्हें राज्य मंत्री बनाया था।

Advertisement
Wenesday Rate
Wed 25 Dec. 2024
Gold 24 KT 76,300/-
Gold 22 KT 71,100/-
Silver / Kg 88,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

केंद्रीय मंत्री ने अपने ऑफिस में एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में District Planning and Monitoring Unit के उप निदेशक अश्विनी कुमार मलिक और असिस्टेंट डायरेक्टर देबाशीष महापात्रा को बुलाया गया था। ये घटना शुक्रवार की है।

केंद्रीय मंत्री का आरोपों से इनकार

इस बीच, केंद्रीय मंत्री बिश्वेश्वर टुडु ने आरोपों से साफ इनकार किया और कहा कि यह पंचायत चुनाव से पहले उनकी छवि खराब करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि आरोप झूठे और निराधार हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “वे मेरे पास आए, हम लगभग आधा घंटा बैठे रहे, लंच का समय था, समीक्षा बैठक पूरी नहीं हो सकी, इसलिए मैंने उन्हें कल फिर आने के लिए कहा, वे कभी वापस नहीं लौटे।”

रिव्यू मीटिंग के दौरान भड़के मंत्री

पीड़ितों का कहना है कि रिव्यू मीटिंग के दौरान मंत्री किसी बात को लेकर बहुत उग्र हो गए और उन्होंने अंदर से दरवाजा बंद कर दोनों अफसरों पर कुर्सी से हमला कर दिया। इस हमले में देबाशीष महापात्रा का हाथ टूट गया है। जबकि अश्विनी कुमार मलिक को चोटें आई है। दोनों अधिकारियों को बारीपदा के पीआरएम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।

घायल अधिकारियों में से एक, देबाशीष महापात्र ने कहा, “मंत्री ने पहले हमें यह कहते हुए डांटा कि हमने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की कि अगर हम आदर्श आचार संहिता के समय फाइलों के साथ उनके कार्यालय जाते तो यह अनुचित होता। आगामी पंचायत चुनावों के कारण राज्य में आचार संहिता लागू है। लेकिन, वह नाराज हो गए और हमें मारना शुरू कर दिए।”

Advertisement