– प्रदूषण नियंत्रण मंडल की आमंत्रण बोर्ड और क्या पर्यावरण मंत्री इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान देंगे
चंद्रपुर: पूरे एशिया में दूसरा सबसे बड़ा थर्मल पावर प्लांट चंद्रपुर मेगा-थर्मल पावर प्लांट की प्रदूषित पानी की क्षेत्र के रहवासियों के लिए एक नई समस्या पैदा कर दी है, इस चक्कर में चंद्रपुर जानलेवा प्रदूषण से जूझ रहा है.बिजली संयंत्र से दूषित पानी इरई नदी में छोड़े जाने से नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में है और उसी पानी को रामनगर पंप हाउस से जलशुद्धीकरण कर आधे शहर में आपूर्ति की जा रही है.इस गंभीर मामले पर क्या राज्य के पर्यावरण मंत्री गंभीर दखल लेंगे।
चंद्रपुर शहर को इरई बांध से पानी की आपूर्ति की जाती है। इसके लिए तुकुम में जल शुद्धिकरण केंद्र है।इस जल शुद्धिकरण केंद्र से शहर के आधे हिस्से में पानी की आपूर्ति की जाती है। रामनगर पंप हाउस से पानी की आपूर्ति वर्तमान में एक अलग समस्या का सामना कर रही है।
यह पानी इरई नदी से लिया जाता है लेकिन अब इरई नदी का पात्र पूरी तरह से प्रदूषित हो चुका है। यहाँ बिजली संयंत्र से कीचड़ के पानी के साथ-साथ ऊर्जानगर कॉलोनी से सीवेज नदी में छोड़ा जाता है।शेष पानी छोटा नागपुर से दतला पंप हाउस तक नदी के माध्यम से बहता है और वही पानी रामनगर पंप हाउस में ले जाया जाता है।
ऊर्जानगर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में दूषित पानी को ट्रीट करने के लिए एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है जो ठीक से काम नहीं कर रहा. इससे इरई नदी का पानी प्रदूषित होता है। यह सारा प्रदूषित पानी चंद्रपुर के नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहा है।
इस संदर्भ में इरई नदी बचाओ जन आंदोलन के समन्वयक और वृक्षाई के संस्थापक कुशाब कायारकर ने ऊर्जानगर सीवरेज प्लांट का दौरा किया और वहां प्रसंस्करण संयंत्रों का निरीक्षण किया।ऐसे में यह सवाल खड़ा हो गया है कि प्रदूषण मंडल का आमंत्रण बोर्ड अब क्या कर रहा है ?