नागपुर: इस वर्ष के गणतंत्र दिवस के अवसर पर एथलेटिक्स कोच रवींद्र टोंग को पालकमंत्री डॉक्टर नितिन राउत द्वारा जिला खेल पुरस्कार प्रदान किया गया। इस समारोह में विविध क्षेत्रों में उपलब्धियों के लिए कई मान्यवर पुरस्कार से नवाज़े गए। टोंग ज़्यादा लोगों की नज़र में नहीं आए। उनकी पुलिस वर्दी के कारण, कई दर्शकों को लगा कि वे बहादुरी या उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित पुलिसकर्मियों में से एक हैं। दरअसल पुलिस की वर्दी के पीछे इस व्यक्ति के संघर्ष, महत्वाकांक्षा और सफलता की एक आकर्षक कहानी छिपी है।
टोंग पिछले 15 वर्षों से रेशमबाग मैदान में एथलेटिक्स प्रशिक्षण अकादमी चला रहे हैं। वे नागपुर ग्रामीण पुलिस मुख्यालय के डॉग स्क्वॉड में कार्यरत हैं और फिर भी वे नागपुर के महत्वाकांक्षी युवा एथलीट्स को प्रशिक्षण देने के लिए सुबह शाम मेहनत करते रहते हैं। उनके कई छात्र अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित एथलीट बन चुके हैं। मशहूर एथलीट निकिता राउत उन्हीं छात्रों में से एक है। टोंग के प्रशिक्षण से अनगिनत युवाओं को पुलिस, वन विभाग, सेना आदि सशस्त्र बलों में रोज़गार पाने का अवसर मिला है। गरीबी में जन्मे और पले-बड़े टोंग अपनी जवानी में एक बेहतरीन एथलीट थे।
उन्होंने कई राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में असाधारण उपलब्धियां हासिल की। उन्हें खेल कोटे से पुलिस विभाग में नौकरी भी मिली। नौकरी पाने से पहले के कठिन दिनों की यादें उनके दिमाग में अब भी ताज़ा है। पर्याप्त पैसा कमाने के लिए उन्हें पुलिस की नौकरी के बाद भी अजीबोगरीब काम करने पड़ते थे। उन्होंने रिक्शा भी चलाया, निर्माण कार्यों में मज़दूर के तौर पर भी काम किया, अन्य छोटे मोटे व्यवसाय भी किए। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उनहोंने अपने संघर्ष पूर्ण जीवन पर प्रकाश डालते हुए उम्मीद जताई कि उनके छात्रों को ऐसी परेशानियां न झेलनी पड़े और वे ज़रूर राज्य और देश के लिए बेहतरीन खिलाड़ी बनकर देश का नाम रोशन करेंगे।