– श्रमिक मामलों मे नियम कानून की उड रही हैं धज्जियां!
नागपूर– महानिर्मिती प्रबंधन की लालफीताशाही नीतियों के चलते विदर्भ महाराष्ट्र के सभी ताप बिजली परियोजनाओंं मे ठेका अधिनियम और कारखाना अधिनियमों का खुल्लम खुल्ला उलंघन हो रहा है?महाराष्ट्र राज्य मे 7 ताप विधुत परियोजनाएं संचालित है!जिसमे कोराडी बिजली केन्द्र खापरखेडा, महाताप विधुत केन्द्र चंद्रपुर,पारस,भुशावल परली वैजनाथ तथा नाशिक थर्मल पावर प्लांटों को का समावेश है
जल और वायु विधुत परियोजनाएं
महाराष्ट्र राज्य मे 13 जल विधुत परियोजनाएं तथा एक वायू विधुत परियोजना संचालित है जिसमे जल विधुत जायकवाडी जिला औरंगाबाद,कोयना पोफली जिला रत्नागिरी, रायगड जिले मे भिरा,भिवपुरी, खोपोली, पुणे जिले मे पवना, भाटघर,पानशेत, वरसगांव,कोल्हापूर जिल्हा मे राधानगरी,तिल्लारी, अहमदनगर मे भंडारदरा हिंगोली जिला मे येलदरी जल विधुत केन्द्र तथा नवी मुंबई जिले मे ऊरण वायू विधुत केन्द्र आदि का समावेश है? जिसमे सातों ताप विधुत केन्द्रों मे 15000 हजार ठेका श्रमिक कार्यरत हैं,जल विधुत तथा गैस टर्वाईन पवार प्लांट मे 5000 हजार ठेका श्रमिक ऐसे कुल 20,000 हजार ठेका श्रमिक महाराष्ट्र राज्य की विधुत परियोजनाओं मे कार्यरत हैंl परंतु इन सभी विधुत केन्द्रों मे श्रमिकों के लिए स्नान गृह,भोजन कक्ष तथा आवास सुविधाएं उपलब्ध नही कराया गया है!
न्यूनतम वेतन,E.S.I.C सी.एवं E.P.F.नियमों का उलंघन
केंद्रीय एवं राज्य के उधोग व श्रम मंत्रालय के आदेशानुसार पावर प्लांटों मे कार्यरत ठेका फर्मो के कुशल श्रमिकों को मासिक रुपये 24,000 हजार उनके बैंक खातों मे भुगतान करना होगा! उसी प्रकार अर्धकुशल श्रेणियों को रुपये 23,000 हजार तथा अकुशल श्रमिकों को रुपये 22,000 हजार के हिंसाब से भुगतान किया जाना अनिवार्य हैl मंत्रालय ने राज्य के श्रमायुक्त व अपर श्रमायुक्तों तथा उप श्रमायुक्तों ने अपने अपने कार्यक्षेत्रों के विधुत परियोजनाओं मे कार्यरत सभी ठेका श्रमिकों को निर्धारित समय पर बैंक अकाऊन्ट मार्फत न्यूनतम वेतन,व अन्य भत्तों का भुगतान जरुरी है.
तथा कर्मचारी राज्य बीमा निगम(ESIC) वार्षिक बोनस का भुगतान अनिवार्य है. परंतु राज्य के अनेक पावर प्लांटों मे कार्यरत निविदा धारक ठेका फर्मो की तरह से न्यूनतम वेतन चोरी, ESIC चोरी,भविष्य निधि की चोरी,बोनस और अन्य भत्तों की चोरी बडे ही तकनीकी दिमाग से की जा रही है ? पावर प्लांटों मे अनेक फर्म नियोक्ता अपने श्रमिकों के बैंक खातों मे वेतन का धनादेश भुगतान तो करते हैं परंतु वह दूसरे दिन एटीएम कार्ड के माध्यम से श्रमिकों के खातों मे जमा 50 प्रतिशत राशि निकाल लिया जाता है ? बताते है कि श्रमिकों के एटीएम कार्ड ठेकेदार अपने पास रखते है?इस प्रकरण के संबंध मे एटीएम मशीन केंद्र मे लगे सीसीटीवी कैमरे की जांचपडताल की गयी तो वह समय ज्यादा दूर नही जब असलियत का पर्दाफास होते ही संबंधित सामाजिक गद्दार फर्म नियोक्ता को जेल मे हवा खानी पड सकती है ?
महाराष्ट्र राज्य मे सबसे अधिक श्रमिकों का शोषण भुशावल,नाशिक,पसरली वैजनाथ तथा चंद्रपुर महा ताप विधुत केन्द्र मे हो रहा है ? कोराडी और खापरखेडा पावर प्लांटों मे तो फर्म नियोक्ता भी वही और जनता के लीडर भी वही है ? सच में देखा जाए तो जनता जनार्दन के नुमाइंदों ने अपने ही श्रमिकों के साथ अन्याय और आर्थिक शोषण शुरु कर दिया तो वह न्याय मांगने कहां जाएगा ? बताते है कि श्रमिक यूनियनों की भी खरीद फरोक्त करके जननेता ठेकेदारों ने नियम कानून और संविधान अनुच्छेद की धाराओं का खुल्लम खुल्ला उलंघन करके अपना घर भर रहे हैं ?