– अगर 4-6 माह देरी से चुनाव हुआ तो सिर्फ बड़ी पार्टियां ही चुनाव में नज़र आएगी
नागपुर – 4 मार्च 2022 को मनपा के वर्त्तमान नगरसेवकों का कार्यकाल समाप्त हो गया,अमूमन कार्यकाल समाप्ति के बाद अगले कार्यकाल के लिए चुनाव हो जाया करते थे,लेकिन इस दफे विभिन्न कारणों से चुनाव 4-6 माह के लिए चुनाव टलने की संभावना हैं.इस खबर से हज़ारों इच्छुकों के मनसूबे पर पानी फिर गया.
मनपा चुनाव शहर की सबसे महत्वपूर्ण चुनावों में से एक हैं.इस चुनाव में घर-घर याने प्रत्येक व्यक्ति की व्यक्तिगत रूचि साफ़ साफ़ दिखाई देती हैं.इस चुनाव में पक्षीय के अलावा निर्दलीय उम्मीदवार अपनी अपनी किस्मत आजमाते हैं.ऐसा भी पिछले चुनावों में देखा गया कि पक्षीय प्रभाव को दरकिनार कर निर्दलीयों का बोलबोला रहा,ऐसे पूर्ण कार्यकाल में निर्दलीयों का दबदबा/बोलबाला रहा.
निर्दलीयों का हौसला वार्ड निहाय चुनाव में प्रभावी रहता है तो प्रभाग निहाय चुनावों में पार्टियों के उम्मीदवारों को वजूद रहता हैं.
उक्त समीकरणों के वाबजूद इस दफे मनपा चुनाव जबकि 3 नगरसेवकों के प्रभाग पद्धति के हिसाब से होने वाला है,जिसके लिए पक्ष के उम्मीदवारों के अलावा अनगिनत निर्दलीयों ने भी चुनावी जंग में कूदने की तैयारी कर ली थी.
लेकिन राजनितिक षड्यंत्र के साथ ओबीसी आरक्षण के निर्णय में हो रही देरी की वजह से तय समय से 4-6 महीने बाद चुनाव होने की संभावना नज़र आ रही.इस सूचना के बाद पक्ष के इच्छुकों के अलावा निर्दलीय किस्मत आजमाने वाले इच्छुकों का हौसला पस्त हो गया.अब इक्के-दुक्के ही अपने अपने संभावित चुनाव क्षेत्र में नज़र आ रहे.
अगर मनपा चुनाव बरसात के बाद हुई तो निर्दलीय/संगठन बनाकर चुनावी जंग में कूदने वाले सिरे से गायब हो जाएंगे,क्यूंकि उन्हें 4-6 माह तक जनता में बने रहने का सय्यम न तो है,खासकर आर्थिक मामले में ऐसे इच्छुक टूट जायेगे।ऐसे में सिर्फ राजनैतिक पार्टियों के उम्मीदवारों के मध्य चुनावी जंग हो सकता हैं.