– किशोर कुमेरिया व प्रवीण बरडे को दी गई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां लेकिन संगठन मजबूत करने के लिए ठोस उपाययोजना नहीं
नागपुर – मनपा चुनावों को ध्यान में रखते हुए,शिवसेना ने नागपुर शहर कार्यकारिणी में बदलाव किए,जिसके तहत शिवसेना के पुराने शिवसैनिकों को शहर स्तर में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई। इसके पीछे का यह तर्क लगाया गया कि शहर शिवसेना में उपजे असंतोष पर काबू पाया जा सकेगा।दूसरी ओर पुराने,पार्टी छोड़ गए फिर वापिस आये शिवसैनिकों को ही शिवसेना तरजीह दे रही,शहर में पक्ष मजबूती के लिए सेना का कोई प्रयास नहीं हो रहा.
शिवसेना की परंपरा के अनुसार मुखपत्र ‘सामना’ के माध्यम से नए पदाधिकारियों की घोषणा की गई। उक्त स्थाई नियुक्तियां मनपा चुनाव से पहले पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आदेश पर की गई हैं। शिवसेना ने स्पष्ट किया कि पदाधिकारियों के काम के आधार पर उन्हें बरकरार रखा जाएगा।
शहर के लिए दो प्रमुखों की नियुक्ति की मांग काफी पुरानी है जो पूरी कर दी गई। प्रमोद मनमोडे के साथ पूर्व उपमहापौर किशोर कुमेरिया को तीन-तीन विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई थी।
मनमोड में दक्षिण-पश्चिम, मध्य और पश्चिम नागपुर और कुमेरिया में पूर्व, उत्तर और दक्षिण नागपुर हैं।वैसे मानमोड़े पक्ष में प्रवेश बाद से ही निष्क्रिय हैं,शिवसैनिकों से प्रत्यक्ष मेल-मुलाकात आदि मामलों में दुरी बनाए हुए हैं.
शिवसेना की पूर्व में घोषित कार्यकारिणी में तीन संपर्क प्रमुख थे। सतीश हरड़े ने पद से इस्तीफा दे दिया, जबकि शेखर सावरबांधे ने शिवसेना को छोड़ राकांपा की घड़ी बांध ली,वे कई पक्षों का अनुभव ले चुके हैं।दूसरी ओर शिवसेना द्वारा किशोर कुमेरिया को लगातार नज़रअंदाज किये जाने से वे सिरे से निष्क्रिय हो गए थे,जबकि मनपा में लगातार जीत दर्ज कर मनपा में शिवसेना की लाज बचा कर रखे हुए हैं। मृदुभाषी मंगेश काशीकर पर सेना में पुनः विश्वास जताते हुए उन्हें सह-संपर्क प्रमुख नियुक्त किया गया,वे संपर्क प्रमुख दुष्यंत चतुर्वेदी को सहयोग करेंगे।
काशीकर को पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण नागपुर के लिए जिम्मेदारी दी गई है। शहर के आयोजक विशाल बरबटे के पास दक्षिण, पूर्व और उत्तर है, जबकि किशोर पराते के पास दक्षिण-पश्चिम, मध्य और पश्चिम नागपुर है।
शहर में दो मुखिया हुआ करते थे, अब तीन। दो महीने पहले घर लौटे प्रवीण बरडे को पूर्वी और मध्य नागपुर की जिम्मेदारी दी गई है. इसके लिए नितिन तिवारी और दीपक कापसे एक-एक निर्वाचन क्षेत्र कम कर दिया गया हैं। तिवारी के पास पश्चिम और उत्तर है, जबकि कापसे के पास दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम नागपुर है।
उल्लेखनीय यह है कि पार्टी ने कुमेरिया को मौका दिया तो असंतुष्ट गुट को काफी राहत मिली।
चर्चा है कि बरडे को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने से वफादार शिवसैनिकों में नाराजगी हैं।असंतुष्ट समूह ने कहा कि इससे नए चेहरों को मौका देने की उम्मीद है जिन्हें अभी तक संगठन में मौका नहीं दिया गया है। बसपा छोड़ सेना में आये सुरेश सखारे को विधानसभा की जिम्मेदारी दी जानी थी,लेकिन उन्हें महरूम रखा गया। इसके पूर्व कांग्रेस के कुछ पूर्व नगरसेवक ने भी सेना में प्रवेश किया।
बावजूद इसके मनपा चुनाव में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने के लिए जमीन स्तर पर मेहनत करनी होगी तो ही मनपा में नगरसेवकों की संख्या में इजाफा हो पाएगा।