राष्ट्रोत्कर्ष अभियान यात्रा के तहत गोंदिया पधारे शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने पत्र परिषद में दिए बेबाकी से जवाब
गोंदिया। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की लक्ष्य पूर्ति के लिए राष्ट्रोत्त्कर्ष अभियान यात्रा के तहत गोवर्धन मठ पुरी के पीठाधीश्वर तथा वैदिक गणित के प्रकांड विद्वान शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती का गोंदिया आगमन हुआ इस अवसर पर उन्होंने आयोजित पत्रकार परिषद में पूछे गए कई सवालों का बेबाकी से जवाब दिया।
धर्मनिरपेक्ष भारत को कहने की क्या आवश्यकता है ?
धर्मनिरपेक्षता के संदर्भ में पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा- धर्मनिरपेक्ष भारत को कहने की क्या आवश्यकता है ? क्या कोई व्यक्ति धर्मनिरपेक्ष हो सकता है क्या ?
स्कूलों में हिजाब को मिले इजाजत इसे लेकर मचे बवाल के बाद भारत में एक समान नागरिक संहिता पर पुनः बहस छिड़ी है।
समान नागरिक संहिता पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते निश्चलानंद सरस्वती ने कहा- समान नागरिक संहिता कौन मानेगा ? क्या दूसरे धर्म के लोग इसे मानेंगे क्या , बताओ कौन सी ऐसी संहिता बनाएंगे ?
उनके विचार से हम ढलें हमारे विचार ढलें यही उनके दिलों में है या नहीं ?
हमने संकेत दिया मानवता की सीख का, स्नेह का और रक्षा का ।n ऐसी आत्मा वेदा , ऐसा संविधान जिसमें मानवता की सीख , स्वयं की बलि न दी जाए उसको मानने के लिए वे तैयार हैं ? पाकिस्तान बांग्लादेश अरब राष्ट्रों में भले ही गौ हत्या बंद हो जाए हमें चिंता नहीं है , भारत में हम गौ हत्या बंद नहीं होने देंगे , यह उनका पक्ष है इसका मतलब ?
अच्छे व्यक्ति सभी धर्मों में होते हैं मातृ भक्ति – राष्ट्रभक्ति जिनमें है वे आगे आएं और जिन में नहीं है वह अपने दिल को टटोलें ?
भारत का विभाजन किसने करवाया , इतिहास को कब तक दबाकर रखेंगे ?
द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर छिड़ी बहस और कश्मीरी हिंदुओं के घाटी से पलायन के मुद्दे पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हैं निश्चलानंद सरस्वती ने कहा- जिन्ना चाहते थे भारत में कोई ऐसा प्रांत हो जो विशेष अधिकार संपन्न हो , गांधी जी ने ही उनसे कहा था जिन्ना साहब आप को संतुष्ट करने के लिए भारत के टुकड़े भी कर सकता हूं ? भारत का विभाजन किसने करवाया ? देश के विभाजन के बाद भी जिन्ना की बेटी कहां रही ? इतिहास को कब तक दबाकर रखोगे ?
शिक्षा तंत्र को निगलना चाहता है शासन तंत्र ?
देश की शिक्षा नीति पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा- हमारे यहां राजनीति का पर्याय है राजधर्म , दंड नीति , अर्थ नीति ? शिक्षा के समग्र विकास की दृष्टि से 4 ब्राह्मण मंत्रिमंडल में होने चाहिए .
आत्मशक्ति भी होनी चाहिए , रक्षा की व्यवस्था मजबूती के लिए. जिस की दृष्टि में वह असंभव हो और उस असंभव को संभव करके दिखा दे , इतिहास की रचना वही करता है। हमने जो विज्ञान को वैदिक तंत्र पर परिभाषित किया है उस विकास की परिभाषा उसके क्रियान्वयन की परिभाषा को ना मानते हुए शिक्षा तंत्र को निगलना चाहता है शासन तंत्र ? यह भारत की दिशाहीनता है।
मेरा देश बदल रहा है , क्या भारत विश्व गुरु बनेगा ?
मेक इन इंडिया , 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य और मेरा देश बदल रहा है आगे बढ़ रहा है जैसे घोषवाक्य इन दिनों ट्रेंड कर रहे हैं, क्या भारत विश्व गुरु बनेगा ? तथा इस मंच के माध्यम से आप मोदी जी को क्या मार्गदर्शन करना चाहेंगे ?
इस प्रश्न का जवाब देते शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा- मोदी जी ईमानदार है।
प्रधानमंत्री पद के लिए वे घोषित कर दिए गए थे, वह 45 मिनट तक मेरे पास बैठे , मुझसे उन्होंने एक ही प्रश्न किया , कम से कम भूल हो ?
मैंने कहा- आप जब आशीर्वाद ही मांगने आए हैं तो आपसे बिल्कुल भूल ना हो ऐसा क्यों नहीं कहते ?
उन्होंने कहा- मनुष्य हूं, मनुष्य से तो भूल होती ही है ? तो मेरा उनको मार्गदर्शन है – उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि कम से कम भूल हो, उस पर डटे रहें।
रवि आर्य