Published On : Mon, Jul 11th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

मुख्यमंत्री के हाथों की गई श्री विठ्ठल-रुक्मिणी की सपत्नीक महापूजा

Advertisement

– ‘बा विठ्ठला… समाज के सभी वर्ग के लोगों के जीवन में सुख व समृद्धि के लिए कोरोना समेत सभी समस्याओं को दूर करो’- मुख्यमंत्री ने विठ्ठल के चरणों में की प्रार्थना,मुख्यमंत्री के हाथों श्री विठ्ठल निर्मल दिंडी पुरस्कार का वितरण

सोलापुर/पंढरपुर : आषाढी एकादशी वारी की सैकड़ों साल की परंपरा रही है। अनेक वर्षों से अनुशासनबद्ध रूप से लोग पंढरपुर की ओर निकलते है। इसलिए एक सकारात्मक माहौल यहाँ पर तैयार होता है। इस वारी में लाखों भाविक शामिल होते है। वारी में शामिल होनेवाले सभी वारकरी भाविकों को सेवा -सुविधा उपलब्ध कराने में राज्य सरकार कहीं पर कम नहीं पड़ेगा, यह ग्वाही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस अवसर पर दी। समाज के सभी वर्गों के लोगों के जीवन में सुख व समृद्धि आए, राज्य के कोरोना समेत सभी समस्याएँ दूर हो, यह प्रार्थना विठ्ठल के चरणों में उन्होंने की।

Today’s Rate
Sat 16 Nov. 2024
Gold 24 KT 74,500 /-
Gold 22 KT 769,300 /-
Silver / Kg 89,300/-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

आषाढी एकादशी के औचित्य पर श्री. शिंदे और उनकी पत्नी श्रीमती लता शिंदे ने महापुजा का सम्मान इस साल जिन्हें मिला उस वारकरी दंपति मु. पो. रुई, त.गेवराई, जि. बीड के मुरली भगवान नवले (52) और श्रीमती जिजाबाई मुरली नवले (47) के साथ विठ्ठल-रुक्मिणी की महापूजा की। महापुजा के बाद विठ्ठल मंदिर समिति की ओर से आयोजित इस दंपति वारकरी का सत्कार किया गया, इस सत्कार कार्यक्रम में वे बोल रहे थे।

इस दौरान मुख्यमंत्री का परिवार, मंदिर समिति के सह अध्यक्ष गहिनीनाथ महाराज औसेकर, समेत समिति के अन्य सदस्य, लोकप्रतिनिधि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री. शिंदे ने कहा कि पिछले दो साल कोरोना की वजह से आषाढी की वारी नहीं हो सकी। इसलिए इस साल 10 लाख से अधिक वारकरी भाविक पंढरपूर में श्री विठ्ठल के दर्शन के लिए आए है। लाखो वारकरी विठू नाम का जयघोष करते हुये बड़े उत्साह से पैदल चलकर आए है। इन सभी वरकारी भाविकों को अच्छी सेवा- सुविधाएं उपलब्ध की कराई गई है। सरकार किसान, वारकरी, खेतमजदूर और मजदूर समेत राज्य के प्रत्येक नागरिकों के सर्वतोपरी विकास के लिए कटिबद्ध है, यह ग्वाही उन्होंने इस दौरान दी।

समाज के प्रत्येक वर्ग तक विकास का लाभ देंगे
राज्य में कृषि, उद्योग, शिक्षा व स्वास्थ्य इन क्षेत्रों समेत अन्य सभी क्षेत्र में अच्छा काम किया जाएगा और विकास का लाभ समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचाने तथा देने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही यह आम लोगों की सरकार है, यह भावना लोगों के दिल में निर्माण करने की दृष्टि से प्रयासरत रहने की बात उन्होंने कहीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इस साल बारिश की शुरुआत देरी से हुई है। कुछ जगहों पर भारी बारिश और बाढ़ के हालात निर्माण हुये है और इसके लिए सभी यंत्रणा सज्ज है। अच्छी बारिश होने से फसल भी अच्छी होगी और किसानों के जीवन में सुख-समृद्धि आएगी। सरकार किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए सर्वतोपरी प्रयास करेगी।

राज्य के 12 करोड़ लोगों के जरिये की महापूजा
राज्य में आषाढी एकादशी की वारी एक महापर्व है और इस वारी को एक बड़ी परंपरा मिली है। आषाढी एकादशी को महापूजा का सन्मान मिलने से यह दिन जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण दिन होने की भावना भी उन्होंने इस दौरान व्यक्त की। राज्य के 12 करोड़ जनता की ओर से यह शासकीय महापूजा किए जाने की बात कहते हुये उन्होंने राज्य की जनता को आषाढी एकादशी पर शुभकामनाएँ दी।

वारकरी सन्मान व एसटी मुफ़्त पास वितरण
आज के शासकीय महापूजा का सम्मान जिस वारकरी दंपति को मिला उनका मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हाथों सत्कार किया गया। साथ ही इस सम्मानित वारकरी दंपति को राज्य परिवहन महामंडल की ओर से साल भर के लिए दिये जानेवाले मुफ़्त पास का वितरण भी श्री. शिंदे के हाथों किया गया। इस अवसर पर एसटी महामंडल के यातायात महाव्यवस्थापक सुजय जाधव, उप महाव्यवस्थापक अजित गायकवाड व विभाग नियंत्रक विलास राठोड उपस्थित थे। मुख्यमंत्री शिंदे व मान्यवरों के हाथों ‘रिंगण’ इस वारी विशेषांक का प्रकाशन भी इस अवसर पर किया गया।

निर्मल दिंडी पुरस्कार का वितरण
पंढरपुर की वारी यह महाराष्ट्र की प्राचीन आध्यात्मिक व सांस्कृतिक परंपरा है। इस वारी में शामिल होनेवाली दिंडीयां सामाजिक प्रबोधन का कार्य करते है। इन दिंडीयों का आदर्श लेकर ‘निर्मल वारी हरित वारी ‘ अभियान में नागरिकों की सहभागिता बढ़े, इस उद्देश से श्री विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर समिति के जरिये ‘श्री विठ्ठल निर्मल दिंडी’ पुरस्कार दिया जाता है। मुख्यमंत्री के हाथों इस पुरस्कार का वितरण इस दौरान किया गया। प्रथम क्रमांक का पुरस्कार श्री संत तुकाराम महाराज कोकण दिंडी पनवेल जिला रायगड (एक लाख रुपए व सन्मानचिन्ह), द्वितीय क्रमांक- वै.ह भ. प. भाऊसाहेब महाराज खरवळकर दिंडी, मु. पो. शेरा, त. रेणापूर, जिला लातूर (75 हजार व सन्मानचिन्ह) और तृतीय क्रमांक का पुरस्कार श्री संत जगनाडे महाराज दिंडी घोटी बुद्रुक जिला नाशिक (50 हजार व सन्मानचिन्ह) दिंडी को प्रदान किया गया। साथ ही ‘ग्रीन बिल्डिंग’ पुरस्कार का वितरण भी इस दौरान किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत में विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर समिति के सहअध्यक्ष गहिनीनाथ महाराज औसेकर के हाथों मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उनकी पत्नी श्रीमती लता शिंदे का विठ्ठल रुक्मिणी की प्रतिमा देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का प्रास्ताविक श्री औसेकर महाराज ने किया और उपस्थितों के प्रति समिति के सदस्य प्रकाश जंजाळकर महाराज ने आभार प्रकट किया।

इस अवसर पर सांसद सर्वश्री डॉ.श्रीकांत शिंदे, संजय (बंडू) जाधव, विधायक सर्वश्री दीपक केसरकर, तानाजी सावंत, दादाजी भुसे, संजय राठोड, शहाजीबापू पाटिल, समाधान आवताडे, सचिन कल्याणशेट्टी, भरतशेठ गोगावले, रवींद्र फाटक, राणा जगजितसिंह पाटिल, पूर्व विधायक विजय शिवतारे, जिलाधिकारी मिलिंद शंभरकर, पुलिस अधीक्षक तेजस्वी सातपुते, अपर जिलाधिकारी संजीव जाधव, मंदिर समिति के कार्यकारी अधिकरी गजानन गुरव समेत समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

प्लास्टिक के उपयोग से बचे और पर्यावरण की रक्षा का संकल्प करें
आषाढी वारी के औचित्य पर प्रदूषणकारी प्लास्टिक के उपयोग से बचे और पर्यावरण की रक्षा का संकल्प करें, यह आवाहन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किया।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में शासकीय विश्रामगृह के परिसर में पर्यावरण व वातावरणीय बदल विभाग और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘पर्यावरणाची वारी-पंढरीच्या दारी’ इस उपक्रम का समापन किया गया, इस अवसरपर वे बोल रहे थे।
इस दौरान मुख्यमंत्री की पत्नी श्रीमती लता शिंदे, सांसद डॉ.श्रीकांत शिंदे, विधायक प्रा.तानाजी सावंत, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव अशोक शिनगारे, जिलाधिकारी मिलिंद शंभरकर, पुलिस अधीक्षक तेजस्वी सातपुते आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री. शिंदे ने कहा कि एक बार उपयोग करके फेंकी हुई प्लास्टिक की वजह से बड़े पैमाने पर प्रदूषण हो रहा है। इसलिए 1 जुलाई 2022 से एक बार उपयोग करनेवाली प्लास्टिक का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

ज्ञानोबा-तुकोबां जैसे संतों ने पर्यावरण का संदेश अपने अभंग और भारूड से दिया है। संत तुकाराम महाराज ने कहा है ‘वृक्षवल्ली आम्हा सोयरे वनचरे’, और ‘नगरेची रचावी जलाशय निर्मावी महा वने लावावी नानाविध’ यह संत ज्ञानेश्वर ने कहा है। हमें पर्यावरण के जनजागरण की ऐतिहासिक परंपरा मिली है। संतों के इन्ही संदेश को ध्यान में रखते हुये प्रदूषण दूर करने के लिए प्रयास किया जाए।

महाराष्ट्र सरकार का पर्यावरण व वातावरण बदल विभाग, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के संयुक्त तत्वावधान में और ठाणे के महाराष्ट्र कला संस्कृति मंच इस सेवाभावी सांस्कृतिक संस्था के सहयोग से पिछले बारह सालों से राज्य की जनता को पर्यावरण जगजागरण का संदेश इस वारी के माध्यम से दिया जाता है। ‘पर्यावरणाची वारी पंढरीच्या दारी’ यह अच्छा उपक्रम है, यह कहते हुये मुख्यमंत्री शिंदे ने इस उपक्रम को शुभकामनाएँ दी।

इस दौरान मुख्यमंत्री श्री. शिंदे व श्रीमती लता शिंदे ने ज्ञानोबा माऊली तुकाराम, ‘ज्ञानोबा- माऊली तुकाराम’ के गजर में कलाकार, भाविकों के साथ कदम मिलाएँ (पाऊली खेळली) ।

Advertisement