– भूमि अधिग्रहण बाद वर्ष 2023 से उत्पादन होने की संभावना
नागपुर – कोयले की कमी से ताप विद्युत उत्पादन संकट का सामना कर रहा है. इसे गंभीरता से लेते हुए कोयले की कमी दूर होने की संभावना है। केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने विगत 11 जुलाई को छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित गारेपाल्मा-2 कोयला खदान को पर्यावरण मंजूरी दे दी है.
गारेपालम में कोयला ब्लॉक लगभग 2583.48 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करता है और इस खुले खदान से प्रति वर्ष 22 मिलियन मीट्रिक टन और भूमिगत खनन से प्रति वर्ष 1.6 मिलियन मीट्रिक टन कोयला उत्पादन की क्षमता रखता है। गारेपाल्मा-2 छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ जिले में घरगोंडा तहसील के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण कोयला ब्लॉक है।
यहाँ से इनमें 500 मेगावाट की क्षमता वाला चंद्रपुर थर्मल पावर स्टेशन सेट नंबर 8 और 9 (1000 मेगावाट), कोराडी थर्मल पावर स्टेशन सेट नंबर 8, 9 और 10 (1980 मेगावाट) प्रत्येक की क्षमता 660 मेगावाट और परली थर्मल तक रेलवे मार्ग से कोयला पहुँचाया जाएगा।
उक्त खदान के कोयले का उपयोग कुल 3230 मेगावाट की क्षमता उत्पन्न करने के लिए किया जाएगा। इस परियोजना से लगभग 3400 रोजगार सृजित होंगे।
उल्लेखनीय यह है कि इस कोयला परियोजना की पर्यावरण सुनवाई सितंबर 2019 में हुई थी और वन मंजूरी चरण -1 और पर्यावरण मंजूरी मिल चुकी है और अगले तीन महीनों में वन मंजूरी चरण -2 की उम्मीद है। उसके बाद, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी और वास्तविक खनन 2023 में शुरू होगा।