– पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को बड़ा झटका लगा,कहा राजनैतिक साजिश !
नागपुर– पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को बड़ा झटका लगा है. पर्यावरण विभाग ने क्षेत्र में जंगलों और वन्यजीवों की मौजूदगी के कारण राजुरा में एक हवाई अड्डा स्थापित करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
जंगल सफारी के लिए देश भर से पर्यटक ताडोबा आते हैं। जंगल सफारी में तडोबा एकमात्र जंगल सफारी है। पर्यटकों ने इस क्षेत्र में काफी रोजगार पैदा किया है। यहां बड़े रिसॉर्ट उपलब्ध हैं। अमिताभ बच्चन और सचिन तेंदुलकर से लेकर कई हस्तियां यहां जंगल सफारी के लिए आती हैं।
हवाई मार्ग से आने वाले पर्यटकों को नागपुर एयरपोर्ट पर उतरना होता है। यहां से उन्हें चार पहिया वाहन से ताडोबा जाना था। इसलिए, सुधीर मुनगंटीवार ताडोबा के पास राजुरा में एक हवाई अड्डा स्थापित करने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने अपने कार्यकाल में एयरपोर्ट के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा था। करीब 75 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना था। हालांकि, प्रस्तावित भूमि में से 27 हेक्टेयर संरक्षित वन भूमि है। साथ ही बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना पड़ता। यहां से वन्यजीवों को भी यहां से विस्थापित करना पड़ता । इन सब कारणों के कारण उक्त परियोजना को अस्वीकार कर दिया गया था।
मुनगटीवार को इस निर्णय को राजनीतिक विरोध करार दिया। राजुरा में एक ऑर्डिनेंस फैक्ट्री है। मेक इन इंडिया के तहत यहां कई उत्पाद विकसित किए जा रहे हैं। इसलिए एयरपोर्ट जरूरी है। कुछ अधिकारियों द्वारा गलत सूचना के कारण परियोजना ठप हो गई है। हालांकि मुनगंटीवार का कहना है कि वह अंत तक इस विमानतल के लिए प्रयास करेंगे।
अकेले चंद्रपुर जिले में 200 बाघ हैं। अन्य वन्यजीव भी हैं। यह परियोजना उनके लिए विनाशकारी साबित होगी क्योंकि हवाई अड्डे के निर्माण के लिए जंगल को नष्ट किया जाएगा। वन्यजीवों और मनुष्यों के बीच पहले से ही संघर्ष चल रहा है। एयरपोर्ट के चारों ओर सुरक्षा दीवार बनानी होगी। इससे वन्य जीवों की आवाजाही बाधित होगी।जंगल के जानवरों को खुले में विचरण करने में अड़चन पैदा होगी,गर विमानतल का निर्माण हुआ तो.
जंगल के पास हवाई अड्डा बनाना खतरनाक हो सकता है। इसलिए, पर्यावरणविदों ने हवाई अड्डे का विरोध दर्शाया हैं। इस सन्दर्भ में महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएडीसी) के अधिकारियों ने भी प्रस्ताव पर नकारात्मक टिप्पणी की है।