नागपुर: श्री कृष्णा एक आदर्श व्यक्तित्व के साथ ही एक आदर्श मित्र भी हैं। वे अपने भक्तों व सखाओं के मन की बात बिना बताए ही जान लेते हैं। श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता समाज के लिए एक आदर्श मिसाल है। उक्त आशय के उदगार रवि नगर के अग्रसेन भवन में वृंदावन की भागवत कथाकार माता कीर्ति किशोरी जी ने भागवत कथा के अंतिम दिवस भक्तों से कहे।
आज भागवत कथा में द्वारिका प्रसंग, सुदामा चरित्र का वर्णन माताजी ने किया। अंतिम दिवस पर यजमान पुष्करलाल अग्रवाल परिवार ने पूर्णाहुति में भाग लिया व आरती की।
माताजी ने कहा कि जैसे ही श्री कृष्ण को यह पता चला कि उनका मित्र सुदामा उनसे मिलने आया है, वह उनका स्वागत करने के लिए दौड़े- दौड़े द्वार पर आ जाते हैं। माताजी ने कथा के बीच में एक से बढ़कर एक श्री कृष्ण मदन मोहन के सुंदर भजन प्रस्तुत किए।जिसे सुन श्रद्धालु झूमने लगे। कथा के पश्चात महाप्रसाद का आयोजन किया गया। जिसका लाभ असंख्य भक्तों ने लिया।