– सर्जरी पर असर पड़ेंगा
नागपुर – सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (मेडिकल) से संबद्ध सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कैथलैब मशीन अगस्त 2022 में OUT DATED हो रही है. एक नए कैटलैब को तीन महीने और इंतजार करना होगा। विशेष रूप से, चूंकि पोर्टेबल डिवाइस को स्थापित नहीं किया जा सकता है, इसलिए हृदय रोग के रोगियों को असुविधा होने की संभावना है।
वर्ष 1998 में सुपर स्पेशियलिटी में कार्डियक सर्जरी विभाग शुरू किया गया था। वहीं, कैथ लैब भी लगाई गई। इसके बाद 2012 में विप्रो कंपनी की 4 करोड़ 75 रुपए की नई मशीन लगाई गई। यह डिवाइस अगस्त 2022 में समाप्त हो रहा है। इसके कारण भविष्य में यदि डिवाइस की मरम्मत की जाती है और एंजियोप्लास्टी जारी रखी जाती है, तो मरम्मत की लागत का भुगतान चिकित्सा कोषागार से करना होगा। मशीन के रखरखाव का बीमा नहीं किया जा सकता है। मशीन पुरानी है, साल में चार बार बंद हो चुकी है। विशेष रूप से यह बताया गया है कि दस वर्षों में लगभग 40 हजार एंजियोग्राफी और 900 एंजियोग्राफी की प्रक्रिया की गई है और सुपर के खजाने में लगभग 10 करोड़ धन एकत्र किया गया है।
एक नया कैथलैब स्थापित करने से पहले कंपनी द्वारा सर्विस कैथलैब के रूप में कुछ दिनों के लिए एक पोर्टेबल कैथलैब प्रदान किया जाता है। इससे हृदय की प्रक्रियाएं नियमित रूप से चलती रहती हैं। हालांकि यह प्रक्रिया मशीन के फेल होने से कुछ दिन पहले शुरू करनी होती है। एक पोर्टेबल डिवाइस अभी तक उपलब्ध नहीं है। इससे इस बात की प्रबल संभावना है कि अगले कुछ दिनों में हृदय की एंजियोग्राफी टूट जाएगी।
अस्पताल के डीन सुधीर गुप्ता के अनुसार हाफकिन को धनराशि हस्तांतरित करने के बाद, खरीद प्रक्रिया शुरू हुई। मशीन का डेमो लेने के लिए सुपर के कार्डियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुनील वाशिमकर जिम्मेदार हैं। अगले दो से तीन महीने में नया कैथलैब आ जाएगा। यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि हृदय संबंधी प्रक्रियाएं बंद न हों।