नागपुर – श्री हरी सत्संग समिति नागपुर द्वारा संगीतमय सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ नागपुर के महापौर श्री दयाशंकर जी तिवारी के हस्ते स्वामी जी और शिव मंदिर में पूजा अर्चना के साथ भव्य शोभायात्रा से हुआ। स्वामी डॉ. श्री बद्री प्रपन्नाचार्य जी के मार्गदर्शन में टी प्वाइंट स्थित मुंडा देवल से बैंड बाजा बग्गी के साथ कलश धारी महिलाओं ने शोभा यात्रा की अगुवाई की। रास्ते पर भजन आदि गाते हुए शोभायात्रा निकली। जगह-जगह टेकरी लाइन स्थानीक निवासियों ने स्वामी जी का सत्कार किया.
कथा ज्ञानरदीय हुए स्वामी जी ने कहा जो सर्व प्राणियों के हित में कार्य करते रहते हैं वह भगवान को प्राप्त होते हैं। भागवत गीता के बारे में उन्होंने कहा आध्यात्मिक स्तर पर भागवत उच्च शिखर पर पहुंचाती है। मानव जीवन की श्रेष्ठता और मानव जीवन के उद्देश की पूर्ति के लिए भागवत कथा का ज्ञान अति महत्व पुर्ण है। भागवत कथा में समस्त वेदों का सार छुपा है। वेद रूपी कल्पवृक्ष की छांव है भागवत कथा।
स्वामी जी ने आगे कहा कि संतों की वार्ता ही यज्ञ है। मानव जीवन का उद्देश्य क्या है, इस बारे में भी प्रश्न रहते हैं। जीवन की मोह माया कैसे लुप्त होगी, कलयुग के दोषों को दूर कैसे किया जाएगा। कृष्ण भगवान की प्राप्ति कैसे होगी। यह सब भागवत कथा पढ़ने सुनने से ही हमें समझेगा।
स्वामी जी ने आगे कहा कि जो कुछ भी देना हो वह श्रद्धा से देवें और जो हमें लेना है उसे पूर्ण विश्वास से लेवे। यह कथा आपको काल से बचा सकती है। भागवत कथा सुन लेना सरल है मगर कथा को प्राप्त करना अत्यंत कठिन है। जन्म जन्मांतर का दोष दूर करने वाली भागवत कथा भगवान का रूप है। सात दिन कथा सुनने से हमारे पाप नष्ट होते हैं।
गुण और दोष दोनों मिलकर चरित्र का निर्माण होता है। हर व्यक्ति में गुण भी मिलेंगे और दोष भी मिलेंगे। हमें गुणों को आगे बढ़ाना है और दोष को छुपाना है। हमें भागवत कथा का सार ग्रहण करना है। ज्ञान यज्ञ के प्रति श्रद्धा और विश्वास हमें करना चाहिए। इसे सदा सेवन करने वाले भागवत सुनकर, गाकर, पढ़कर कैसे भी सेवन किया जा सकता है। भागवत कथा को सुनिए, चिंतन करिए और अपने जीवन में उसे उतारिए। यह सब बातें विस्तार से स्वामी डॉ. बद्री प्रपन्नाचार्यजी ने आज सविस्तार बताया।
बैठक में प्रमुखता से उपस्थित थे नगर सेवक सुनील अग्रवाल, अध्यक्ष श्री कृष्णा दायमा, अध्यक्षा श्रीमती शकुंतला अग्रवालजी, श्रीमती ज्योति अवस्थी, श्रीमती वर्षा सुनील शर्मा, सुमित दरक, किशोर धाराशिवकर, राजकुमार गुप्ता अरविंद अवस्थी, अंजना मानसिंगका, मोनिका मेहडीया, माधुरी भाबरा,श्री विजय चौरसिया, प्रतीक त्रिवेदी, कल्पना पांडे, श्रीमती सरिता चौरसिया, अलका दायमा, अनु लद्दड, नीतू नायक, धनंजय दायमा, सुशीला अग्रवाल, गोविंद पटेल, प्रकाश मेहाडिया, सविता भरतिया, विनित राठौड़, वसंत कुंभारे, राजू मिश्र, श्रद्धा गुप्ता वजनी ऐसा सचिव सुमन अग्रवाल और बी सी भरतीया ने बताया।