– जिलाधिकारी कार्यालय निष्क्रिय,महा आघाडी सरकार ने दी थी निधि
नागपुर – नागपुर जिला परिषद (नागपुर जिला पंचायत) के पंचायत विभाग ने उमरेड और रामटेक तहसील के गांवों के लिए अल्पसंख्यक विभाग को लगभग एक करोड़ रुपये का निधि दिया है। हालांकि ठेकेदार इन कामों को लेने के लिए बेताब है, लेकिन छह महीने से पैसा पड़ा हुआ है क्योंकि यह तय नहीं है कि किन गांवों में पैसा खर्च किया जाए।
राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग की ओर से दलित बस्ती विकास निधि से अल्पसंख्यक विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में अल्पसंख्यक नागरिकों के गांवों और मकानों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराएगा।जैसे दरगाह, कब्रिस्तान, सड़क, ईदगाह आदि विकास कार्यों के लिए निधि दिया जाता है। इसके अनुसार अल्पसंख्यक विभाग की ओर से नागपुर जिले के दो तहसील उमरेड और रामटेक के लिए एक करोड़ की राशि जिला परिषद के पंचायत विभाग को भेजी गई है और 50-50 लाख रुपये की राशि भेजी गई है. लेकिन इस फंड से किस गांव में काम करना है इसकी जानकारी अल्पसंख्यक विभाग से जिला परिषद् को नहीं दी गई इसलिए जिप प्रशासन पशोपेश में है।
सूत्रों ने बताया कि कुछ दिन पहले जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेश कुम्भेजकर ने भी इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्र लिखा था. लेकिन अभी तक जिलाधिकारी कार्यालय ने जवाब नहीं दिया है। सवाल यह है कि क्या राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के विकास के प्रति गंभीर नहीं है। उक्त निधि को किस गांव में खर्च किया जाए, इस बारे में कोई निर्देश नहीं होने के कारण पंचायत विभाग असमंजस में है कि उक्त निधि को कहां खर्च किया जाए।
उक्त निधि महाविकास आघाड़ी के कार्यकाल में आया था। लेकिन अब राज्य में सत्ता परिवर्तन हो गया है. इसलिए गांवों की प्राथमिकता बदलेगी ?
रामटेक तहसील से शिवसेना के बागी विधायक आशीष जायसवाल हैं. उमरेड तहसील से कांग्रेस के विधायक राजू पारवे हैं। चूंकि जायसवाल शिंदे समूह में शामिल हुए हैं, इसलिए उक्त निधि को अपने क्षेत्र के लिट्ये हथियाने में उनका दबदबा रहेगा।