Published On : Sat, Sep 3rd, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

नशेड़ियों को मुख्यधारा में लाएं: जस्टिस जयदीप पांडे

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नागपुर: समाज में नागरिक बड़ी संख्या में नशे के आदी हो रहे हैं। भारत में 7 करोड़ से अधिक नागरिक ड्रग्स का सेवन करते हैं। 17 प्रतिशत नागरिक नशे के आदी हैं। इससे लोगों के शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। लेकिन वे इससे अनजान हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं वरिष्ठ सिविल जज जयदीप पांडेय ने कहा कि नशा करने वालों को समाज की मुख्यधारा में लाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण और सेवा सर्वदा बहुउद्देश्यीय संगठन, राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की ओर से एक विशेष शिविर आयोजित किया गया। ‘नशीली दवाओं के दुरुपयोग और नशीली दवाओं के उन्मूलन के लिए कानूनी सेवाएं, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम और नशीली दवाओं के दुरुपयोग नियंत्रण अधिनियम’ विषय पर आधारित यह शिविर बेलतरोड़ी रोड रहाटे नगर टोली में आयोजित किया गया।

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इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सदस्य अधिवक्ता सुरेखा बोरकुटे, विधि स्वयंसेवी डॉ प्रीति सावरकर, सेवा सर्वदा बहुउद्देश्यीय संगठन की अध्यक्ष खुशाल ढाक, चाइल्ड लाइन की श्रद्धा तल्लू आदि उपस्थित थे।

माता-पिता के साथ साक्षात्कार आयोजित करके और स्कूलों और कॉलेजों में जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करके नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना आवश्यक है। इस अवसर पर न्यायमूर्ति पांडे ने कहा कि मादक द्रव्यों के सेवन में भी महिलाओं का अनुपात अधिक है, और उचित उपचार और परामर्श के माध्यम से उन्हें नशे से मुक्त किया जा सकता है।

अपराध के पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए एक मुआवजा योजना है, और यदि परिवार में किसी व्यक्ति की मृत्यु अपराध में हो जाती है, तो सरकार उनके परिवारों को नुकसान को कम करने के लिए कुछ राशि देती है। जिससे उनके परिवारों के पुनर्वास में मदद मिलती है। उन्होंने बताया कि सरकार अपराध के पीड़ितों के अंतिम संस्कार का खर्च भी वहन करती है।

मनोधैर्य योजना के बारे में जानकारी देते समय सबसे पहले यदि पीड़ित ने थाने में शिकायत की है तो संबंधित मामले को आवश्यक दस्तावेजों जैसे प्रथम सूचना रिपोर्ट, चिकित्सा रिपोर्ट और बयान के साथ जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण को भेजा जाना चाहिए। पीड़ित की आपराधिक प्रक्रिया संहिता, ताकि कानूनी सेवा प्राधिकरण मामले में तत्काल कार्रवाई कर सके, सहायता प्रदान करने में सुविधा होगी, उन्होंने कहा। बोरकुटे ने इस अधिनियम में बच्चों के हितों और उनके अधिकारों के संबंध में उचित प्रावधान किए हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों का यौन शोषण और यौन शोषण अपराध है और ऐसे अपराधों को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

खुशल ढोक ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नशा पीड़ितों को कानूनी सेवाएं और नशामुक्ति, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम और मादक द्रव्य दुरुपयोग नियंत्रण अधिनियम पर मार्गदर्शन दिया।

सर्व बहुउद्देश्यीय संस्थान के बच्चों ने नशामुक्ति, बाल विवाह कानून और अंधविश्वासों के उन्मूलन पर लघु नाटक प्रस्तुत कर क्षेत्र में जागरूकता पैदा की। कार्यक्रम का संचालन अर्चना मानकर ने किया और धन्यवाद प्रस्ताव शीतल लोंढे ने दिया। इस अवसर पर पुरुष, महिला एवं अधिकारी गण, सेवा सर्वदा संगठन एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी उपस्थित थे।