बिल पास करने के एवज में ठेकेदार से 15 हजार की रिश्वत लेते दबोचा
गोंदिया: जिला परिषद के ग्रामीण जलापूर्ति उप-विभाग के शाखा अभियंता तथा उपविभागीय अभियंता ने 3 लाख रुपए के बिल की फाइल आगे भिजवाने के लिए ठेकेदार से बतौर कमीशन 15000 रूपए की रिश्वत मांगी।
फरियादी ठेकेदार ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो में कर दी जिसके बाद बुधवार 23 नवंबर को एसीबी टीम ने जाल बिछाकर 2 घूसखोर अभियंताओं को 15 हजार रुपए रिश्वत की रकम स्वीकार करते हुए पंच गवाहों के समक्ष गिरफ्तार कर लिया है।
इस प्रकरण में दोनों आरोपी अभियंताओं के खिलाफ गोंदिया ग्रामीण थाने में धारा 7 भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम 1988 के तहत मामला पंजीबद्ध कर उन्हें लॉकअप के पीछे पहुंचा दिया गया है।
ACB ने प्रकरण के संदर्भ में जानकारी देते बताया- शिकायतकर्ता और उसका छोटा भाई दोनों ठेकेदार है तथा उनके पास ठेकेदारी का लायसंस भी है। शिकायतकर्ता यह दिए गए अधिकार के तहत सभी ठेकेदारी के काम देखता है।
शिकायतकर्ता के भाई को ग्राम पंचायत पिंडकेपार अंतर्गत आने वाले ग्राम कन्हारटोला व पिंडकेपार में ग्रामीण जलापूर्ति विभाग द्वारा जल जीवन मिशन के तहत व्यक्तिगत नल कनेक्शन जोड़ने के काम का वर्क आर्डर 21 अप्रैल 2022 को मिला था।
शिकायतकर्ता ने दोनों गांवों के नल कनेक्शन जोड़ने का काम पूर्ण कर काम पूर्ण करने का प्रमाणपत्र लेकर उपविभागीय अभियंता ग्रामीण जलापूर्ति विभाग जि.प. गोंदिया को प्रस्तुत किया।
जि.प. गोंदिया के ग्रामीण जलापूर्ति उपविभाग में शाखा अभियंता (वर्ग- 3) पद पर कार्यरित दामोदर जगन्नाथ वाघमारे ने शिकायतकर्ता को 11 नवंबर को बुलाकर उक्त काम के तैयार किए गए बिल पर ग्रा.पं. सचिव व सरपंच की सही लेने के लिए उक्त बिल की फाईल दी थी।
शिकायतकर्ता ने बिल पर पिंडकेपार के सचिव व सरपंच की सही लेने के बाद 14 नवंबर. को फाईल लेकर वाघमारे के पास पहुंचा जिसपर उसने तुम्हारे काम के कुल 3,00.091 रूपये बिल होने से एमबी. बुक व बिल पर सही कर तुम्हारी फाईल ग्रामीण जलापूर्ति के विभागीय कार्यालय में भेजने के लिए स्वंय के लिए उक्त बिल का 3 प्रतिशत के अनुसार 9 हजार रूपये तथा उपविभागीय अभियंता के लिए 2 प्रतिशत के हिसाब से 6 हजार रूपये इस तरह कुल 15 हजार रूपये रिश्वत की मांग करते , तब तक फाईल आगे नहीं जाएगी यह बात कही।
जिसपर शिकायतकर्ता ने बिल के संबंध में 21 नवंबर. को उपविभागीय अभियंता नुरपालसिंह जतपेले के मोबाइल पर काल करते बात की तो उसने एमबी बुक व बिल पर सही करने के लिए बिल की रकम का 2 प्रतिशत के हिसाब से रिश्वत देने की मांग कर दी।
चढ़ावे की रकम देने का इच्छुक न होने पर फिर्यादी ने शाखा अभियंता व उपविभागीय अभियंता के खिलाफ भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग में शिकायत कर दी।
एसीबी विभाग अधिकारियों ने जांच पश्चात 23 नवंबर. को जाल बिछाया और जिला परिषद की तीसरी मंजिल पर ग्रामीण जलापूर्ति विभाग (उपविभाग) के दफ्तर में सफलतापूर्वक कार्रवाई को अंजाम दिया तथा 15 हजार रूपये रिश्वत की रकम स्वीकार करते हुए दोनों घूसखोर अभियंताओं को पंचों के समक्ष धरदबोचा गया।
उक्त कार्रवाई पुलिस अधीक्षक राहुल माकनिकर, अपर पुलिस अधीक्षक मधुकर गीते (एसीबी नागपुर) के मार्गदर्शन में पुलिस उपअधीक्षक पुरूषोत्तम अहेरकर, पोनि अतुल तवाड़े, स.उपनि विजय खोब्रागड़े, चंद्रकांत करपे, पो.ह. मिलकीराम पटले, संजय बोहरे, नापोसि संतोष शेंडे, राजेंद्र बिसेन, मंगेश कहालकर, संतोष बोपचे, चानापोसि दिपक बाटबर्वे की ओर से की गई।
रवि आर्य