सम्मेद शिखरजी की तीर्थ क्षेत्र रुप में रहेगी पहचान , जैन समाज के आक्रोश के आगे झुकी सरकार
गोंदिया। झारखंड में गिरिडिह जिले के मधुबन में स्थित सर्वोच्च जैन शास्वत तीर्थ श्री सम्मेद शिखरजी “पारसनाथ पर्वतराज” को पर्यटन स्थल बनाए जाने की अधिसूचना जारी होने के बाद गोंदिया सकल जैन समाज के लोग सड़कों पर उतर आए तथा इसे धार्मिक आस्था पर आघात करार देते हुए पवित्र तीर्थ स्थल इसे बचाने और इसे संरक्षित करने की मांग करते हुए कहा- लोग यहां पवित्र मन से दर्शनों हेतु जाते हैं , पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद घूमने फिरने के मनोभाव से जाएंगे।
जैन समाज की मांग है कि सम्मेद शिखरजी को सिर्फ धार्मिक तीर्थ के रूप में ही मान्यता प्राप्त होनी चाहिए।
जैन समुदाय द्वारा बुधवार 21 दिसंबर के दोपहर निकाली गई रैली में सकल जैन समाज के महिलाओं और बच्चों ने भी हिस्सा लिया।
सैकड़ों की संख्या में लोग हाथों में बैनर- पोस्टर लेकर शामिल हुए तथा शहर के प्रमुख मार्गों से होकर रैली एसडीओ कार्यालय पहुंची तथा विरोध प्रदर्शन कर उपविभागीय अधिकारी को सकल जैन समाज बंधुओ की ओर से ज्ञापन सौंपते हुए सम्मेद शिखरजी को पर्यटन सूची से हटाने की मांग की गई।
इस शांति पूर्वक रैली में पूर्व विधायक राजेंद्र जैन सहित राजकुमार एन जैन, प्रकाश कोठारी, उरेश शाह, बिपीन भाई बावसी, संजय जैन (लाड़ली ), देवेंद्र अजमेरा, वसंत पांडया, प्रकाशचंद जैन, मनोज पारेख, नरेश खजांची, राजेश बरड़िया, शैलेश , पंकज चोपड़ा, जयंत जैन, नवीन जैन, संदीप जैन, संकल्प जैन, नितीन जैन, रवि काशलिवाल, आंनद जैन, सुभाष जैन, मनीष जैन,अभिषेक जैन, संदीप जैन, सौरभ जैन, अनिल जैन, अजित जैन, पीयूष जैन, शैलेश कोठारी आदि शामिल हुए।
बता दें कि जैन समाज के आक्रोश आगे सरकार झुक गई है और सम्मेद शिखरजी की तीर्थ क्षेत्र रूप में ही पहचान बरकरार रहेगी इस बात का भरोसा दिया है।
रवि आर्य