नागपुर। सदर की ट्रैफिक समस्या को सुलझाने के लिए सदर फ्लाईओवर का निर्माण किया गया। जिससे कुछ प्रमाण में ट्रैफिक की समस्या सुलझी पर उससे कई गुना ट्रैफिक की समस्या बढ़ गई है।
जिसका खामियाजा राहगीर को भुगतान पढ़ रहा है। नेशनल हाईवे को बाधित कर दिया गया। जिससे कामठी जानें वालो को रास्ता ही नहीं सूझ रहा है। नागपुर कामठी जाने वाले रास्ते को पुलिया के उतार की वजह से बंद कर सदर की ओर मोड़ दिया गया है। एनआईटी चौक पर बस स्टॉप होने से ट्रैफिक जाम लगा रहता है। कामठी जाने वाले को रास्ता समझ नहीं आता और वह सदर पुलिया पर चढ़ जाता है।
यदि वह नीचे से चला भी गया तो उसे कहा से पलटना यह समझ नहीं आता। आखिर यू टर्न लेने पर ट्रैफिक पुलिया के हत्थे चढ़ जाता है। जबलपुर रोड पर जाने वाले राहगीर कस्तूरचंद पार्क मेट्रो स्टेशन के पास कोई दिशादर्शक फलक न लगा होने से रास्ता समझ नहीं पाते हैं। लिबर्टी चौक पर भी कोई दिशानिर्देशक नहीं लगा है। जिससे वहां भी ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। वैसे ही काटोल रोड से कस्तूरचंद पार्क पर उतरने पर भी एल.आय.सी चौक से आने वाले ट्रैफिक को जाम का सामना करना पड़ता है।
नागपुर की शान बनने जा रहे एलआईसी चौक से कामठी रोड पर बन रहे सबसे लंबे व विश्व स्तरीय फ्लाईओवर पर जाने में भी राहगीर को समस्या का सामना करना पड़ेगा। इस फ्लाईओवर का महत्व कम हो जाएगा।
क्योंकि राहगीर सीधे इस पुलिया पर जा नहीं पाएगा। ट्रैफिक की समस्या से निजात पाना हो तो सदर फ्लाईओवर को एलआयसी चौक पर उतरना पड़ेगा। ताकि ट्रैफिक एलआयसी चौक से किसी भी दिशा में जा सकेगा। भले ही मेट्रो स्टेशन से फ्लाईओवर पर जाने की व्यवस्था हो। तभी हम कामठी नेशनल हाईवे को खोल सकेंगे। ज्ञात हो राम झूला निर्माण में भी गलती हुई थी और अब उसे सुधार कर नई व्यवस्था की जा रही है। स्टेशन की ओर से आने वालो को एलआयसी चौक पर व आरबीआई पर उतरने सुविधा की जा रही है।
उसी तरह सदर फ्लाईओवर पर से उतरने की व्यवस्था एलआयसी चौक पर की जानी चाहिए। तभी इस फ्लाईओवर का सही उपयोग हो सकेगा। वरना जीवन भर ट्रैफिक समस्या से छुटकारा नही मिलेगा। सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरण व जलमित्र डॉ. प्रवीण डबली ने सदर फ्लाईओवर को एलआईसी चौक पर उतारने की मांग प्रशासन से की है। सदर फ्लाईओवर से कस्तूरचंद पार्क मेट्रो स्टेशन के पास स्थित संवेदनशील ऑफिस को भी हरदम खतरा बना रहता है।
ज्ञात हो यहां रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का कार्यालय है। उसी तरह गुजरात महाराष्ट्र का सेना का मुख्यालय है। जो संवेदनशील माना जाता है। पुलिया के यहां उतरे जाने से इन्हें भी खतरा बना है।