Published On : Mon, Dec 26th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

नागपुर अधिवेशन में हो रही विदर्भ की उपेक्षा: नाईक

नागपुर। महाराष्ट्र की उप राजधानी नागपुर में चल रहे शीतकालीन सत्र में विदर्भ के विधायक नाराज हैं क्योंकि विदर्भ के विधायकों के सवालों को सदन में जगह नहीं मिल रही है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए पुसद, यवतमाल के विधायक इंद्रनील नाईक ने अपनी राय देते हुए कहा कि नागपुर सत्र में विदर्भ की उपेक्षा की जा रही है।

महा विकास आघाड़ी सरकार की तरह शिंदे-फडणवीस सरकार ने भी अब तक विदर्भ के मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया है। विदर्भ में चाहे सिंचाई का बैकलॉग हो या बिजली उत्पादक होने के बावजूद बिजली की कमी, किसानों की कृषि उपज खरीदने का मुद्दा हो या अतिवृष्टि के संकट से जूझ रहे किसानों की मदद का सवाल, सत्र के पहले सप्ताह में भी विदर्भ के विधायकों ने एक भी काम नहीं किया। सदन में विदर्भ के मुद्दों को सामने लाने का अवसर बहुत कम मिलता है।

Gold Rate
Monday 27 Jan. 2025
Gold 24 KT 80,400 /-
Gold 22 KT 74,800 /-
Silver / Kg 90,900 /-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

विधायक इंद्रनील नाईक ने कहा कि सरकार चाहे किसी भी पार्टी की क्यों न हो, विदर्भ के विधायकों के मुद्दों को एजेंडे में सबसे ऊपर रखा जाना चाहिए। हमने इस स्थिति को विपक्ष के नेता और राकांपा के हमारे नेता अजित पवार के समक्ष रखा। मुझे पार्टी की ओर से सदन में पहला प्रश्न पूछने का अवसर भी दिया गया था। लेकिन सदन में असमंजस, निलंबन, बहिष्कार के कारण विदर्भ के उन व्यापक प्रश्नों पर सदन में बोलने का मौका नहीं मिला। इन प्रश्नों की सूची को मैंने सावधानीपूर्वक तैयार किया था, इस आशय के विचार विधायक नाईक ने व्यक्त किए।

प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष एवं विधायक बच्चू कडू ने राज्य सरकार के समक्ष विविध मुद्दों को रखा। उन्होंने कृषि उत्पन्न बाजार समिति चुनाव को लेकर सरकार को नसीहत दी। उन्होंने व्यंग्यात्मक चुटकी लेते हुए कहा कि अब पुरानी व्यवस्था बदल दी गई है, सरपंच के साथ-साथ जनता से ही सीधे मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का चुनाव होना चाहिए। उमरखेड़ के विधायक नामदेव ससाने ने भी विदर्भ तथा उनके चुनावी क्षेत्र से संबंधित सवाल उठाए लेकिन कोई उत्साहजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली। विधायक डॉ. वजाहत मिर्जा द्वारा उठाया गया मुद्दा भी अब भी कतार में है।

हमें शीतकालीन सत्र में विदर्भ का मुद्दा सड़क के समक्ष रखने का पूरा अधिकार है। हम उस अधिकार का पूर्ण रूप से उपयोग करेंगे। आने वाले दिनों में जैसे ही हमें यह अवसर मिलेगा, हम विदर्भ के मुद्दों को उठाएंगे। हम लोगों के गूढ़ सवालों पर सरकार को जगाएंगे।

मुद्दों के ‘बैकलॉग’ पर कब होगा काम?

विदर्भ के विधायक पश्चिमी विदर्भ के विधायकों के सवालों के ‘बैकलॉग’ से भी परेशान हैं। नए युवा विधायकों को अपने चुनावी क्षेत्र के मुद्दों को उठाने का मौका मिलना चाहिए। दरअसल जब से सत्र का काम अलग दिशा में जा रहा है, विवादित मुद्दे दरकिनार होते जा रहे हैं और सरकार तथा विपक्ष के विधायक केवल एक दुसरे की आलोचना में समय और साधन बरबाद कर रहे हैं। विधायक गण इस समस्या से जूझ रहे हैं कि जनता की समस्याओं का समाधान कब और कैसे होगा। – इंद्रनील नाईक, विधायक, पुसाद

Advertisement