गोंदिया। घर परिवार पर किसी की शादी निकल आए तो लोग बाहर जाते हैं, किसी को ऑफिस जाना हो या फिर पढ़ाई के सिलसिले में बाहर जाना हो अथवा छुट्टियां (वेकेशन ) बिताने के मकसद से घूमने जाना हो तो लोग ट्रेन से यात्रा करना पसंद करते हैं क्योंकि ट्रेन का किराया कम और सफर सुहाना होता है।
लेकिन पिछले 2 महीनों से यात्री ट्रेनों का हाल बेहाल है और कोयला लदी मालगाड़ी व अन्य सामान लोहा, सीमेंट, यूरिया खाद और चावल लदी गुड्स ट्रेनों को प्राथमिकता दी जा रही है।
रेलवे के इस मालगाड़ी को प्राथमिकता दिए जाने के फैसले से आम जनता में भारी रोष है क्योंकि हावड़ा- मुंबई रूट पर ट्रेनें 4 से 5 घंटा विलंब से चल रही है वहीं किसी भी छोटे स्टेशन पर यात्री ट्रेन को रोककर मालगाड़ी पास की जा रही है ।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि रेलवे को आम जनता की तकलीफों से कोई वास्ता नहीं रह गया है।
बिलासपुर जोन से होकर गुजरने वाली कभी 58 ट्रेनों के कैंसिलेशन की लिस्ट तो कभी 34 ट्रेनों के रद्द होने की लिस्ट जारी हो जाती है।
ट्रैक मेंटेनर तो कभी तीसरी लाइन के निर्माण तो कभी विद्युत लाइन की कनेक्टिविटी के कारण ट्रेनों को रद्द करने का सिलसिला चल रहा है लेकिन उसी पटरी पर कोयला ढुलाई की गुड्स ट्रेन पास होकर गुजरती है तो जनता का सवाल पूछना लाजमी हो जाता है।
जनता पटरी पर उतरी , 33 मिनट ट्रेन रोकी ,14 लोगों पर मामला दर्ज
बुधवार 4 जनवरी को गोंदिया स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर ट्रेन संख्या 22906 शालीमार ओखा एकस्प्रेस ट्रेन को कुछ यात्रियों ने ट्रैक पर उतरकर 18:47 बजे से 19:20 बजे तक के लिए कुल 33 मिनट तक रोक दिया ।
यात्रियों द्वारा यह कृत्य ट्रेनों के देर से चलने और आउटर में घंटो खड़े रखकर मालगाड़ी को पास करवाने हेतु किया गया ।
बाद में गोंदिया आरपीएफ गोंदिया , जीआरपी पुलिस के समझाने के पश्चात उक्त यात्री ट्रैक से हटे तब ट्रेन गंतव्य स्थान हेतु गुजरात प्रदेश के आनंद अहमदाबाद जामनगर ओखा के लिए रवाना हुई।
इस संबंध में 14 अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध रेसुब पोस्ट गोंदिया में रेलवे अधिनियम की धारा 174(c) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है और आरोपियों की तलाश सीसीटीवी वीडियो फुटेज के आधार पर जारी है ।
पोस्ट प्रभारी रेसुब गोंदिया द्वारा प्रेस नोट के माध्यम से जनसामान्य से आग्रह किया है कि अपनी मांगों को वे वैधानिक तरीके से रेलवे के उच्चाधिकारियों के मध्य प्रेषित करें , किसी भी हाल में कानून को ना तोड़ें ।
रवि आर्य