होम लोन की ब्याज दरें आवेदकों के क्रेडिट स्कोर, लोन राशि, पेशा आदि जैसे कारकों पर निर्भर करती हैं। अगर होम लोन की ब्याज दरें अधिक है तो कस्टमर की ईएमआई और कुल ब्याज लागत में भी बढ़ोतरी होती है। ऐसे में इसे कम करने के लिए कम ब्याज दरों पर होम लोन लेना ज़रूरी है। जो लोग होम लोन लेने की सोच रहे हैं वो नीचे दिए गए कुछ तरीकों को अपनाकर होम लोन पर लगने वाले ब्याज को कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में:-
अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाएं
क्रेडिट स्कोर न सिर्फ लोन मिलने की संभावना को बढ़ाता है, बल्कि लोन के ब्याज को तय करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्रेडिट स्कोर के आधार पर बैंक इस बात का मूल्यांकन करते हैं कि आवेदक को लोन देने में कितना जोखिम है। बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां उन आवेदकों को कम ब्याज दर पर लोन देती हैं, जिनका क्रेडिट स्कोर 750 या उससे अधिक होता है। जबकि कम क्रेडिट स्कोर वाले आवेदकों को लोन मिलने में मुश्किल आती है और अगर लोन मिलता है तो उस पर अधिक ब्याज लिया जाता है।
महिला आवेदक के साथ जॉइंट लोन लें
महिलाओं की फाइनेंस के क्षेत्र में भागीदारी को बढ़ाने के लिए कई बैंक और HFC महिलाओं को कम ब्याज दर पर होम लोन प्रदान करते हैं। यह दर, रेगुलर होम लोन की ब्याज दर से लगभग 5 बेसिस पॉइंट्स यानी 0.05 फीसदी कम होती है। अगर महिला को-एप्लीकेंट का क्रेडिट स्कोर मजबूत है और उसकी भुगतान करने की क्षमता अच्छी है, तो इससे न केवल लोन मिलने की उम्मीद बढ़ जाती है, बल्कि अधिक राशि का लोन मिलने में भी मदद मिलती है।
होम लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर करें
होम लोन की बकाया राशि को एक बैंक से दूसरे बैंक में (जो कम ब्याज दरों पर लोन दे रहा हो) ट्रांसफर करने की सुविधा को होम लोन बैलेंस ट्रांसफर कहते हैं। यह सुविधा विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिन्होंने अधिक ब्याज दरों पर होम लोन लिया था और अब बाज़ार की स्थितियों में बदलाव या क्रेडिट प्रोफाइल बेहतर हो जाने के कारण कम ब्याज दरों पर लोन मिल रहा है। कई बैंक और HFC ग्राहकों को अपने ऑरिजिनल होम लोन की शेष अवधि की तुलना में लंबी अवधि चुनने का विकल्प भी देते हैं। इसके साथ ग्राहकों को टॉप-अप लोन की सुविधा भी मिलती है जिसका इस्तेमाल वे अपनी अन्य वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं।
LTV रेश्यो को कम करने का प्रयास करें
कुछ बैंक और लोन संस्थान LTV रेश्यो के आधार पर भी होम लोन की ब्याज दरें तय करते हैं। जिन लोगों का LTV रेश्यो कम होता है, उन्हें लोन देने में बैंक को रिस्क कम होता है। यही वजह है कि बैंक ऐसे आवेदकों को कम ब्याज दरों पर लोन ऑफर करते हैं। ऐसे में जिन आवेदकों के पास अतिरिक्त राशि है उन्हें अपने LTV रेश्यो को कम करने के लिए अधिक डाउनपेमेंट करना चाहिए। लेकिन ध्यान रहें, ऐसा करने के लिए कभी भी अपने इमरजेंसी फंड, इंवेस्टमेंट या किसी ज़रूरत के लिए रखे गए पैसों का इस्तेमाल न करें। अगर आप ऐसा करते हैं और भविष्य में आपको पैसों की ज़रूरत पड़ती है तो आप अधिक ब्याज दरों पर लोन लेने के लिए मजबूर हो सकते हैं।
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