गोंदिया। महाराष्ट्र के नांदेड़ में तख्त हजूर साहिब सिखों के पांच तख्तों में से एक हैं और इसका ऐतिहासिक महत्व है , 1956 अधिनियम के अनुसार गुरुद्वारा सचखंड बोर्ड नांदेड़ तख्त हजूर साहिब के प्रबंधन की देखभाल करता है।
राज्य सरकार ने गुरुद्वारा बोर्ड 1956 एक्ट को खत्म करते हुए नए संशोधन का ऐलान किया है जिसके अनुसार 17 सदस्यों में से 12 को सीधे महाराष्ट्र सरकार द्वारा नामित किया जाएगा , 3 निर्वाचित होंगे और एसजीपीसी अब केवल 2 को नामित कर सकती है ।
नांदेड़ गुरुद्वारा अधिनियम में संशोधन पर गोंदिया के गुरुद्वारा श्री गुरुसिंग सभा के सिखों ने नाराजगी जताते हुए इस निर्णय को दुखद , निंदनीय और सीधा हस्तक्षेप करार दिया है एवं आदेशित किया जाने के विरोध में अपना रोष प्रकट करते हुए संशोधन मंजूर न करने को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नाम जिलाधिकारी गोंदिया प्रजीत नायर को ज्ञापन सौंपा।
12 फरवरी को दिए ज्ञापन में कहा गया है कि वर्तमान में गुरुद्वारा एक्ट 1956 में किए गए सभी संशोधनों को रद्द कर पूर्व की भांति इसे एक्ट 1956 की तरह ही बहाल किया जाए , गुरुद्वारा तख्त श्री हजूर साहिब देश- विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं का आध्यात्मिक एवं धार्मिक केंद्र स्थल है , सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंग जी ने अपना अंतिम समय यहां पर व्यतीत किया था और अनेकों धर्म के लोगों की रक्षा कर उन्हें देश प्रेम की भावना से ओत-प्रोत किया था।
अतः हम इस ज्ञापन के माध्यम से महाराष्ट्र सरकार का ध्यान आकर्षित करते हैं कि सरकार द्वारा नया संशोधित अधिनियम 2024 , जो आदेशित किया गया है उसे तुरंत प्रभाव से निरस्त कर इस एक्ट को
पूर्ववत किया जाए।
ज्ञापन सौंपने गए प्रतिनिधि मंडल में श्री गुरुद्वारा गुरुसिंग सभा के अध्यक्ष धनवंत सिंग भाटिया , जसजीत सिंग ( बिट्टू ) भाटिया गुरबेज सिंग भाटिया, जसबीर सिंग मिशन, मंगत सिंग होरा, गुरदयाल सिंग रमानी, हर्षमीत सिंग गुरदत्ता, महिंदरपाल बग्गा, तिरलोचन सिंग भाटिया,दिलीप सिंग भाटिया, प्रितपाल सिंग ( लवली) होरा, इकबाल सिंग टोनी होरा , अवनीत सिंग भाटिया, हरजीत सिंग जुनेजा , मनमोहन सिंग मान, बलबीर सिंग सलूजा, गिन्नी भाटिया, आदि अनेक गणमान्य सदस्य उपस्थित थे।
रवि आर्य